पूरी दुनिया में लाखों लोग योग का अभ्यास करते हैं। लेकिन योग के बारे में बहुत सारी गलत धारणाएं भी प्रचलित हैं। जानकारी और समझ के अभाव में लोग अपनी तरह से मनमानी व्याख्या करते रहते हैं। कई लोगों को लगता है कि योग का मतलब है अपने सिर के बल खड़े होना या कठिन से कठिन आसनों का अभ्यास करना। कुछ का मानना है कि योग संन्यासियों और साधुओं के लिए है।
कुछ लोगों की धारणा है कि योग का मतलब है बर्फ पर बैठना, आग या पानी पर चलना, अलौकिक करतब करना है। भारत में जब आप योग के बारे में बात करेंगे तो ऐसे कई लोग मिल जाएंगे जो आसनों का बिल्कुल भी अभ्यास न करते हों, लेकिन बात ऐसे करेंगे कि जैसे वे सबकुछ जानते हैं। कहने का तात्पर्य यह है कि कई लोग वास्तव में योग को नहीं जानते। कई लोग भ्रांत धारणाओं से ग्रसित हैं। वहीं कई लोग ऐसे हैं जो जानते कुछ नहीं, लेकिन समझते हैं कि वे सबकुछ जानते हैं।
लेकिन एक ऐसी स्थिति है जिससे आज की इस दुनिया में हर कोई परिचित है। वह है तनाव। हर किसी ने इसके बारे में सुना है और व्यावहारिक रूप से हर कोई इससे पीड़ित है। तनाव बीमारी और दुख पैदा करता है। चूंकि हर कोई तनाव और इससे उत्पन्न दुख से परिचित है इसलिए मन की इस अवस्था से वह अनजान नहीं है। कहने का मतलब है कि दुख से सब परिचित हैं, क्योंकि इसे हमने अपने जीवन का हिस्सा बना लिया है। लेकिन जो सुख है, जो आनंद है, जो हमारा स्वभाव है, मन की उस अवस्था में हम कैसे बने रह सकते हैं, उस ज्ञान को लेकर हम या तो अनजान हैं या गलत धारणाओं के शिकार हैं।
योग का कहना है कि खुश रहना हमारी मूल अवस्था है, हर प्राणी की सामान्य स्थिति है। खुश रहना हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है। वहीं, तनाव हमारी शांति में खलल डालती है और हमें हमारे मूल अस्तित्व के केंद्र से दूर ले जाती है। योग एक विज्ञान है जो इस प्रश्न का उत्तर देता है कि मैं अपने इस मूल स्वभाव जो आनंद और शांति का है, उसमें कैसे बने रह सकते हैं।
मैं बीमारियों को कैसे दूर करूं? मैं अपने मन में संघर्ष और निराशाओं को कैसे रोक सकता हूं? ये ऐसे सवाल हैं जो अत्यंत महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि ये हर किसी में हैं। इन सवालों का जवाब योग के पास है। योगासन हमारे शरीर को स्वस्थ बनाते हैं। इससे मन और मांसपेशियों के तनाव दूर होते हैं। ये शरीर को लचीला बनाते हैं और बीमारियों और असुविधाओं के खिलाफ सुरक्षा कवच तैयार करते हैं।
प्राणायाम योगिक श्वास तकनीक है। वे तंत्रिकाओं को शांत करने के साथ ही मानसिक तनाव और चिंताओं को दूर करते हैं। मृत्यु तो एक दिन अवश्य आनी है। लेकिन अगर हम योग का अभ्यास करते हैं तो जब तक हम जीवित रहेंगे, हमें समस्याएं तो होंगी, लेकिन जब मन शांत और संतुलित रहेगा तो वे हमें परेशान नहीं करेंगे। जीवन बीमारियों से दूर और तनावमुक्त रहेगा। ध्यान हमें मन को फोकस करना सिखाता है और हमें विश्राम, शांति और आनंद का मार्ग दिखाता है, जो पहले से ही हमारे अंदर है।
योग का अर्थ है तनाव को दूर करना, संतुलन को बहाल करना जिससे हम अपनी आंतरिक शांति और आनंद को जान सकें। योग मानव जाति को मानसिक रूप से भटकने से बचाने के लिए आया है। योग मानसिक शांति और शाश्वत स्वतंत्रता का मार्ग है।