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अमेरिका के बाद भारत ब्लैक होल अध्ययन के लिए समर्पित उपग्रह भेजने वाला दूसरा देश

अपने बधाई संदेश में पीएम मोदी ने कहा कि यह नया साल शुरू करने की एक शानदार शुरुआत है। इसके लिए देश के वैज्ञानिकों को बधाई। यह प्रक्षेपण अंतरिक्ष क्षेत्र के लिए अद्भुत खबर है और इस क्षेत्र में भारत की शक्ति को बढ़ाएगा।

यह ब्लैक होल और अन्य खगोलीय पिंडों पर अनुसंधान करने वाला भारत का पहला उपग्रह है। Image : isro

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO), इसरो ने XPoSat (एक्स-रे पोलारिमीटर सैटेलाइट) के सफल प्रक्षेपण के साथ नए साल की शुरुआत की है। यह ब्लैक होल और अन्य खगोलीय पिंडों पर अनुसंधान करने वाला भारत का पहला उपग्रह है। इसी के साथ अमेरिका के बाद भारत ब्लैक होल के अध्ययन के लिए समर्पित उपग्रह भेजने वाला दूसरा देश बन गया है।

XPoSat की लॉन्चिंग पर भारत के प्रधानामंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश के वैज्ञाविकों को बधाई दी है। अपने बधाई संदेश में पीएम मोदी ने कहा कि यह नया साल शुरू करने की एक शानदार शुरुआत है। इसके लिए देश के वैज्ञानिकों को बधाई। यह प्रक्षेपण अंतरिक्ष क्षेत्र के लिए अद्भुत खबर है और इस क्षेत्र में भारत की शक्ति को बढ़ाएगा।

वर्कहॉर्स PSLV ने अपनी 60वीं उड़ान में उपग्रह को 650 किमी की कक्षा में स्थापित किया। PSLV-C58 का अंतिम चरण अगले महीने 10 पेलोड का परीक्षण करने के लिए एक कक्षीय प्रायोगिक मॉड्यूल (POEM) में बदल गया।

श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से उड़ान भरने के लगभग 22 मिनट बाद रॉकेट ने XPoSat को इंजेक्ट किया। उपग्रह को 6-डिग्री झुकाव पर स्थापित करने के लिए रॉकेट कम से कम दो तटीय चरणों से गुज़रा, जब इंजन चालू नहीं किए गए थे।

XPoSat ब्लैक होल, न्यूट्रॉन सितारों और गैलेक्टिक नाभिक जैसी आकाशीय वस्तुओं द्वारा उत्सर्जित एक्स-रे का अध्ययन करेगा। इसमें दो पेलोड हैं- रमन रिसर्च इंस्टीट्यूट द्वारा पोलिक्स (एक्स-रे में पोलारिमीटर उपकरण) और यूआरएससी के स्पेस एस्ट्रोनॉमी ग्रुप द्वारा एक्सस्पेक्ट (एक्स-रे स्पेक्ट्रोस्कोपी और टाइमिंग)।

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