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पोलर प्रीत ने इसलिए कहा, मैं थक गई हूं, लेकिन मैं खुश हूं कि मैंने कर दिखाया

ब्रिटिश सेना की अधिकारी के रूप में कैप्टन प्रीत चंडी ने नेपाल, केन्या और दक्षिण सूडान के संयुक्त राष्ट्र शांति अभियान में सेवाएं दी हैं। ध्रुव पर पहुंचने का रेकॉर्ड बनाने को लेकर हरप्रीत चंडी को 'पोलर प्रीत' के नाम से जाना जाता है।

ब्रिटिश सिख सेना की अधिकारी और भारतीय मूल की 34 साल की हरप्रीत चंडी। फोटो: @samajweekly

ब्रिटिश सिख सेना की अधिकारी और भारतीय मूल की 34 साल की हरप्रीत चंडी ने नया कीर्तिमान स्थापित किया है। ध्रुवीय खोज के लिए पहले 2 गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड तोड़ चुकीं हरप्रीत, पोलर प्रीत के नाम से मशहूर हैं। 31 दिन, 13 घंटे और 19 मिनट में 1,130 किलोमीटर लंबी अंटार्कटिक की बर्फ को कवर करने वाली चंडी का दावा है कि वह अंटार्कटिका में अकेले स्की करने वाली सबसे तेज महिला बन गई हैं।

ब्रिटिश सेना की अधिकारी के रूप में कैप्टन प्रीत चंडी ने नेपाल, केन्या और दक्षिण सूडान के संयुक्त राष्ट्र शांति अभियान में सेवाएं दी हैं। ध्रुव पर पहुंचने का रेकॉर्ड बनाने को लेकर हरप्रीत चंडी को 'पोलर प्रीत' के नाम से जाना जाता है।

द इंडिपेंडेंट की रिपोर्ट के अनुसार अपनी यात्रा को लेकर साउथ पोल से हरप्रीत चंडी ने कहा, मैं थक गई हूं, लेकिन मैं खुश भी हूं कि मैंने कर दिखाया। यह मेरे पिछले अभियान से पूरी तरह से अलग था। एक गति का प्रयास पूरी तरह से अलग है। उन्होंने कहा कि मेरे पिछले अभियान के बाद मुझे पता था कि मैं बर्फ पर अच्छी तरह से सामना कर सकती हूं, जिसने मुझे इससे निपटने के लिए आत्मविश्वास दिया।

ट्रैक के लिए चंडी 26 नवंबर को रोने बर्फ शेल्फ पर हरक्यूलिस इनलेट से रवाना हुईं और 28 दिसंबर को यूके के समयानुसार 2.24 बजे दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचीं। वह औसतन दिन में 12 से 13 घंटे तक स्कीइंग करती थीं और 75 किलो स्लेज खींचती थी, जिसमें जीवित रहने के लिए आवश्यक सामान था। गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स को दावे को वैरिफाई करने की आवश्यकता होगी, जिसमें समय लग सकते हैं। यदि इसकी पुष्टि की जाती है तो यह पिछले रिकॉर्ड धारक कनाडाई कैरोलीन कोटे को पीछे कर देगा।

हरप्रीत का कहना है कि मुझे लगातार अपने प्रयास को तौलना पड़ा कि मैं प्रत्येक दिन कितनी देर तक स्की करूंगी। उन्होंने कहा कि बहुत धीमी गति से या बहुत जल्दी खत्म होने के बाद मैं रिकॉर्ड बनाने से चूक जाऊंगी। अंटार्कटिका को एक अद्भुत जगह बताते हुए उन्होंने कहा कि मुझे खुशी है कि इसने उन्हें सुरक्षित मार्ग की अनुमति दी।

चंडी ने कहा कि यहां होना कुछ खास है। यह ऐसी जगह नहीं है, जिसे कोई भी व्यक्ति जीत सकता है। इस सोच के साथ आप कुछ भी यहां हासिल नहीं कर सकते हैं। वास्तव में यह एक ऐसी जगह है, जिसे आप सम्मान कर सकते हैं और आशा करते हैं कि यह आपको सुरक्षित मार्ग की अनुमति देगा।

अपनी यात्रा के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि उनका ध्यान इस बात पर था कि वह क्या कर सकती हैं, न कि वह क्या नहीं कर सकती हैं। वीमेन इन डिफेंस अवॉर्ड्स 2022 में 'वुमन ऑफ द ईयर' के रूप में भी सम्मानित चंडी ने 2021 में दक्षिण ध्रुव के लिए 700 मील की अंटार्कटिक यात्रा पूरी करने वाली पहली अश्वेत महिला बनकर इतिहास रचा था।

चंडी ने कहा कि उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि वह इस साल अंटार्कटिका लौटेंगी, लेकिन यह महसूस करने के बाद लौट आईं कि यह अभियान सिर्फ खुद को आगे बढ़ाने के बारे में नहीं था, बल्कि दूसरों को अपनी सीमाओं को चुनौती देने और उनकी बाधाओं को तोड़ने के लिए प्रेरित करने के बारे में भी था। उन्होंने कहा कि बर्फ पर उन अंधेरे समय में मेरी सबसे बड़ी प्रेरणाओं में से एक दूसरों को अपनी चुनौती का सामना करने के लिए प्रेरित करने का विचार है।

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