Skip to content

बत्रा ने क्यों कहा: ब्लिंकन को राणा के भारत प्रत्यर्पण पर लगानी ही होगी मुहर!

बत्रा ने कहा कि यह फैसला अब अदालत से विधिवत रूप से कार्यपालिका में विदेश मंत्री ब्लिंकन के समक्ष जाएगा और उन्हें प्रत्यर्पण अनुरोध को मंजूरी देने के लिए बाध्य होना पड़ेगा क्योंकि अमेरिका दुनियाभर में आतंकवाद पर अंकुश लगाने की प्रतिबद्धता दोहराता रहा है।

अमेरिकी विदेश मंत्री ब्लिंकन । Image : Twitter @Antony Blinken

एक प्रख्यात भारतीय-अमेरिकी अटॉर्नी का कहना है कि पाकिस्तानी मूल के कनाडाई कारोबारी तहव्वुर राणा के भारत प्रत्यर्पण पर विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन को मुहर लगानी ही पड़ेगी क्योंकि अमेरिका विदेशी आतंकवाद से जूझ रहे हर देश के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है।

सांकेतिक पिक्चर। Photo by Tingey Injury Law Firm / Unsplash

कैलिफोर्निया के सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट के यूएस डिस्ट्रिक्ट कोर्ट के यूएस मजिस्ट्रेट जज जैकलीन चूलजियान ने बुधवार को एक आदेश जारी किया है, जिसमें कहा गया कि 26/11 के मुंबई हमलों के आरोपी राणा को भारत और अमेरिका के बीच प्रत्यर्पण संधि के तहत भारत में प्रत्यर्पित किया जाना चाहिए। अदालत का यह फैसला भारत के लिए एक बड़ी जीत के तौर पर देखा जा रहा है।

अदालत के इसी फैसले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भारतीय-अमेरिकी अटॉर्नी रवि बत्रा ने कहा कि मुंबई हमलों के आरोपी राणा के भारत प्रत्यर्पण वाले कैलिफोर्निया कोर्ट के आदेश पर विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन को मुहर लगानी ही पड़ेगी। बत्रा ने कहा कि यह आदेश हमारी द्विपक्षीय प्रर्त्यपण संधि के तहत अमेरिका के कानूनी प्रोटोकॉल के लिहाज से पारदर्शी है।

बत्रा ने कहा कि यह फैसला अब अदालत से विधिवत रूप से कार्यपालिका में विदेश मंत्री ब्लिंकन के समक्ष जाएगा और उन्हें प्रत्यर्पण अनुरोध को मंजूरी देने के लिए बाध्य होना पड़ेगा क्योंकि अमेरिका में 9/11 का आतंकवादी हमला पर्ल हार्बर से अधिक भयावह था। अमेरिका दुनियाभर में आतंकवाद पर अंकुश लगाने की प्रतिबद्धता दोहराता रहा है। वह विदेशी आतंकवाद से त्रस्त किसी भी देश के साथ डटकर खड़ा है।

26 नबंवर 2008 में मुम्बई में हुए आतंकी हमले में 6 अमेरिकी नागरिकों समेत 166 लोग मारे गए थे। आतंकी हमले के दौरान भारतीय सुरक्षा बलों ने 9 पाकिस्तानी आतंकियों को भी मार गिराया था। इस हमले के दौरान आतंकी अजमल कसाब को जिंदा पकड़ लिया गया था। भारत में चार साल तक चली कानूनी प्रक्रिया के बाद उसे 21 नवंबर 2012 को फांसी दे दी गई थी।

#AntonyBlinken #TahawwurRana #Extradition #IndianDiaspora #Diaspora #Indian #NewIndiaAbroad #IndiaAbroad

Comments

Latest