अमेरिका और भारत की औद्योगिक जुगलबंदी के तहत कैलिफोर्निया में एक और पहल की शुरुआत हुई है। अमेरिका और भारत के बीच नवाचार तथा महत्वपूर्ण व उभरती प्रौद्योगिकियों के विकास को रफ्तार देने के लिए यूएस-इंडिया-'इनोवेशन हैंडशेक' की शुरुआत की गई है।
2023 एपेक शिखर सम्मेलन के अवसर पर भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) के साथ साझेदारी में यूएस चैंबर ऑफ कॉमर्स के यूएस-इंडिया बिजनेस काउंसिल (USIBC) ने 'डिकोडिंग द इनोवेशन हैंडशेक' विषय पर उद्घाटन चर्चा के साथ गोलमेज सम्मेलन की मेजबानी। अमेरिकी वाणिज्य सचिव जीना रायमोंडो और भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने संयुक्त रूप से इस पहल का नेतृत्व किया।
यूएस चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष और सीईओ सुजैन पी. क्लार्क और CII के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने अमेरिकी और भारतीय निजी क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व किया। इस अवसर पर 30 से अधिक अमेरिकी और भारतीय कंपनियों के संस्थापक और आला अधिकारी मौजूद रहे।
इस मौके पर यूएस चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष और सीईओ सुजैन पी. क्लार्क ने कहा कि यूएस चैंबर ऑफ कॉमर्स को अमेरिका और भारत के बीच नवाचार तथा सहयोग बढ़ाने की इस नई पहल का हिस्सा होने पर गर्व है।
क्लार्क ने कहा 'इनोवेशन हैंडशेक' की शुरुआत के साथ ही वाशिंगटन और नई दिल्ली भविष्य की प्रौद्योगिकियों की खोज के लिए आवश्यक साझेदारी की खातिर एक नई प्रतिबद्धता की रह पर चले पड़े हैं। यह पहल अमेरिका और भारत के उन लोगों व उद्यमों को आगे बढ़ाने का काम करेगी जो ग्राहकों की सेवा करने, समस्याओं को हल करने और समाज को मजबूत करने के लिए समाधान विकसित करते हैं।
'इनोवेशन हैंडशेक' अमेरिका-भारत वाणिज्यिक संवाद के तहत तय एक अवधारणा है जिसे इसी वर्ष जून माह में ऐतिहासिक राजकीय यात्रा के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच आयोजित द्विपक्षीय शिखर वार्ता के बीच घोषित किया गया था। हैंडशेक का उद्देश्य शिक्षा और अनुसंधान संस्थानों से लेकर सरकार और उद्योग सहयोग तक अमेरिका और भारत के नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र की गहरी संबद्धता को आगे बढ़ाना है।
कार्यक्रम के दौरान अमेरिकी वाणिज्य सचिव जीना रायमोंडो ने कहा कि इनोवेशन हैंडशेक के माध्यम से अमेरिका और भारत एक महत्वपूर्ण तकनीकी साझेदारी कर रहे हैं जो हमारे परस्पर जुड़े नवाचार-तंत्र को और मजबूत करेगी। वहीं, भारत के वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि यह पहल स्टार्टअप ईकोसिस्टम को मजबूत करने और भारत व अमेरिका के बीच महत्वपूर्ण और उभरती प्रौद्योगिकियों में सहयोग को बढ़ावा देने के लिए एक संयुक्त प्रतिबद्धता का संकेत है।