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IITF : ट्रेड फेयर का G20 से है कनेक्शन खास, विदेशी निवेश की बड़ी आस

ह़ॉल नंबर 14 में सरकारी और प्राइवेट के साथ ही विदेशी और सार्क देशों के प्रतिभागियों के उत्पादों को प्रदर्शित किया जाएगा।

इस बार फोकस G20 देशों पर रहने वाला है। Image Courtesy : indiatradefair.com

भारत की राजधानी दिल्ली में 14 नवंबर से शुरू होने जा रहे अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले और करीब दो माह पहले सम्पन्न हुए G20 शिखर सम्मेलन में एक खास कनेक्शन है। कनेक्शन यह है कि G20 सम्मेलन की तर्ज पर ही इस बार के व्यापार मेले का थीम वसुधैव कुटुम्बकम है। इस बार फोकस भी G20 देशों पर रहने वाला है।

भारत मंडपम में बड़ी व्यापारिक बैठकें होने वाली हैं। Image Courtesy : indiatradefair.com

G20 की सफलता से उत्साहित दुनिया के बड़े उद्यमी एक बार फिर भारत की राजधानी दिल्ली में जुटेंगे। इसीलिए इस बार G20 के सदस्य देशों के साथ अधिक निवेश और निर्यात समझौतों की उम्मीद है।

थीम को लेकर आयोजकों और स्थानीय उद्यमियों में खासा उत्साह है क्योंकि विदेशी निवश को आकर्षित करने में G20 की कामयाबी आधार भूमिका निभाने वाली है। मेले में 12 देशों के प्रतिनिधि हिस्सा लेने वाले हैं। ह़ॉल नंबर 14 में सरकारी और प्राइवेट के साथ ही विदेशी और सार्क देशों के प्रतिभागियों के उत्पादों को प्रदर्शित किया जाएगा।

भारत मंडपम में होंगी बड़ी व्यापारिक वार्ताएं

प्रगति मैदान परिसर में कुछ ही महीनों पहले बनकर तैयार हुआ भारत मंडपम भले ही G20 शिखर सम्मेलन का आयोजन स्थल था लेकिन व्यापार मेले में यह स्थान शामिल नहीं होगा। भारत मंडपम में 2 महीने पहले ही G20 शिखर सम्मेलन का आयोजन किया गया था। विदेशी मेहमान और सदस्य देशों के राजनीतिक और कारोबारी प्रतिनिधि मंडपम की व्यवस्था से खासे प्रभावित भी हुए थे। भले ही भारत मंडपम मेले में शामिल नहीं रहेगा लेकिन वहां प्रतिभागी कंपनियां अलग से बुकिंग कराकर बैठकें कर सकेंगी। लिहाजा मंडपम में बड़ी व्यापारिक बैठकें होने वाली हैं।

इस बार अधिक है जगह

प्रतिभागियों की संख्या के हिसाब से ही इस बार मेले के लिए जगह भी बढ़ाई गई है। पिछली बार मेला 73000 वर्ग मीटर क्षेत्रफल में लगा था। इस बार यह जगह 1 लाख 10 हजार वर्ग मीटर तक हो गई है। अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेला 27 नवंबर तक चलेगा।

भारतीय कारोबारियों को निर्यात की उम्मीद

इस बार का मेला हर लिहाज से बड़े पैमाने पर आयोजित किया जा रहा है इसलिए भारत के छोटे कारोबारियों को निर्यात की उम्मीद अधिक है तो बड़े उद्यमियों को विदेशी निवेशक की आस है। G20 सदस्य देशों की भागीदारी और थीम ने स्थानीय उद्यमियों की उम्मीदों को पंख लगा दिये हैं।

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