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'टेक्सास में जैन समुदाय का सबसे बड़ा तीर्थस्थल बनेगा सिद्धायतन तीर्थ'

सिद्धायतन तीर्थ में 11,000 वर्ग फुट का जैन-हिंदू मंदिर है। एक आध्यात्मिक रिट्रीट सेंटर, आश्रम और मठ भी है जो भारतीय संस्कृति और प्राचीन आध्यात्मिक शिक्षाओं के संरक्षण के लिए समर्पित है। 'आध्यात्मिक डिज़नीलैंड' कहे जाने वाले इस स्थल में 60 एकड़ में पवित्र स्थल बने हैं।

उत्तरी अमेरिका में जैनियों का धर्मस्थल (फोटो Siddhayatan Tirth)

उत्तरी अमेरिका में आचार्य श्री योगेश द्वारा स्थापित सबसे बड़े जैन-हिंदू तीर्थस्थल सिद्धायतन तीर्थ का उद्घाटन 13 मई को डलास के पास टेक्सास के विंडोम में किया जाएगा। 'आध्यात्मिक डिजनीलैंड' कहे जाने वाले इस विरासत स्थल में 60 एकड़ के पवित्र स्थलों तक पहुंच होगी।

सिद्धायतन तीर्थ में 11,000 वर्ग फुट का जैन-हिंदू मंदिर है। एक आध्यात्मिक रिट्रीट सेंटर, आश्रम और मठ भी है जो भारतीय संस्कृति और प्राचीन आध्यात्मिक शिक्षाओं के संरक्षण के लिए समर्पित है। यही नहीं अहिंसा, एकता और सभी जीवित प्राणियों के लिए सम्मान को भी बढ़ावा देता है।

आचार्य योगेश ने कहा कि यह इतिहास का एक महत्वपूर्ण क्षण है क्योंकि सिद्धायतन तीर्थ भारत के बाहर अपनी तरह का पहला जैन-हिंदू तीर्थ है। जो लोग उत्तर और दक्षिण अमेरिका में रहते हैं, उन्हें भारत में तीर्थयात्रा करना मुश्किल होता है। अब उन्हें एक ही स्थान पर कई लघु तीर्थस्थलों की यात्रा करने का अनुभव आसानी से मिल सकेगा।

टेक्सास स्टेट के सीनेटर जॉन व्हिटमिरे ने कहा कि यह ऐतिहासिक घटना बहु-संस्कृतिवाद और विविधता का प्रतीक है, जो टेक्सास और अमेरिका को एक स्वागत योग्य और समावेशी स्थान बनाता है। धार्मिक स्वतंत्रता हर अमेरिकी का अधिकार है और हम जानते हैं कि यह नामुमकिन नही है।

प्रेस रिलीज में कहा गया है कि सिद्धायतन तीर्थ एक गैर-लाभकारी आध्यात्मिक संगठन है। इसका नेतृत्व उत्तरी अमेरिका की जैन साध्वियों, अमेरिकी सेना की सेवाएं दे चुकीं साध्वी सिद्धली श्री और साध्वी अनुभूति कर रही हैं।

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