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व्यथा: खाड़ी में फंसी पंजाब की कई महिलाएं गलत धंधों में फंसाई जा रहीं

रानी मस्कट से दो महीने बाद लौटी है। वह बताती है कि पंजाब से कितनी ही महिलाएं नौकरी का लालच देकर ओमान ले जाई जाती हैं जहां उन्हे स्थानीय लोगों को बेच दिया जाता है। इसके बाद उन्हे अपना जीवन बचाने की आड़ में अनैतिक गतिविधियों में धकेल दिया जाता है।

demo pic... Photo by Ye Jinghan / Unsplash

भारत के पंजाब राज्य की एक महिला खाड़ी देश इसलिए गई थी ताकि अपने परिवार का भविष्य संवार सके। मगर जैसे-तैसे सुरक्षित लौटी उस महिला के पास खाड़ी देश की डरावनी और वहशतभरी भरी यादें हैं, जो उसे अब भी भयाक्रांत किये हुए हैं। खाड़ी में वह एक खतरनाक स्थिति में फंस गई, जहां उसकी मदद करने वाला कोई न था। वह शायद इसीलिए बच गई कि आपबीती सुनाकर दुनिया और देश को इस बारे में आगाह कर सके।

November 25 is the international day against domestic violence. This photo was taken in Bonn, displaying the work of an artist.
demo pic Photo by Mika Baumeister / Unsplash

रानी (बदला हुआ नाम) अब अपने घर लौट आई है, जिसमें उसके मददगार बने राज्यसभा सांसद संत बलबीर सिंह सींचेवाल, जिन्होंने भारतीय विदेश मंत्रालय के सहयोग से महिला की सकुशल वापसी कराई। लेकिन रानी बताती है कि हर कोई उसकी तरह भाग्यशाली नहीं है। खाड़ी में पंजाब की कई औरतें फंसी हुई हैं, जिनकी न तो कोई मदद करने वाला है और न उन्हे अपने देश लौटने की आस है।

रानी मस्कट से दो महीने बाद लौटी है। वह बताती है कि पंजाब से कितनी ही महिलाएं नौकरी का लालच देकर ओमान ले जाई जाती हैं, जहां उन्हे स्थानीय लोगों को बेच दिया जाता है। इसके बाद उन्हे अपना जीवन बचाने की आड़ में अनैतिक गतिविधियों में धकेल दिया जाता है। रानी के अनुसार 35 शादीशुदा महिलाओं और कुंवारी लड़कियों का एक ऐसा ही दल है जो खाड़ी में फंसा हुआ है और बच निकले की राह देख रहा है। सारी महिलाएं पंजाब से हैं।

रानी बताती है कि भारत के एजेंट जैसे ही उन महिलाओं को खाड़ी पहुंचाते हैं, वहां उन्हे मारा-पीटा जाता है और नाजायज काम करने को कहा जाता है। जो महिलाएं इनकार करती हैं उन्हें कई दिनों तक भूखा रखा जाता है। रानी बताती है कि उसे उसकी मामी ने नौकरी के बहाने इसी साल 16 मार्च को मस्कट भेजा था। लेकिन मस्कट पहुंचते ही उसका 1.50 लाख रुपये में सौदा कर दिया गया। एजेंटों ने पासपोर्ट और फोन भी छीन लिया।

रानी कहती है कि उसे एक कमरे में बंद कर दिया गया और नाजायज काम करने को कहा गया। जब उसने इनकार किया तो बेरहमी से पीटा गया। जब उन लोगों ने मामी से बात कराई और मैंने उनसे पूछा कि आपने ऐसा क्यों किया तो मामी ने कहा कि वो लोग जो कहते हैं चुपचाप वह काम करो।

रानी बताती है कि वहां पंजाब की और भी बिना पढ़ी-लिखी महिलाएं ऐसे ही झांसों में आकर फंस गई हैं और मदद की बाट जोह रही हैं। रानी कहती है कि उसे खाड़ी के बारे में कुछ पता नहीं था क्योंकि वह पढ़ी-लिखी नहीं है। रानी कहती है कि पंजाब सरकार को इस बारे में जागरुकता अभियान चलाना चाहिए।

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