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ब्रिटेन व भारत के रक्षा मंत्रियों की मुलाकात में कारोबार पर हुई चर्चा

राजनाथ सिंह के अलावा भारत के रक्षा सचिव अजय कुमार ने चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) टोनी राडाकिन से मुलाकात की। उन्होंने ट्वीट किया कि दोनों देशों के बीच उद्योग-उद्योग साझेदारी सहित रक्षा संबंधों के विस्तार के बारे में अच्छी चर्चा हुई है।

भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने विमानन और जहाज निर्माण जैसे क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग पर चर्चा करने के लिए ब्रिटेन के रक्षा खरीद मंत्री जेरेमी क्विन से मुलाकात की। हाल में हुई इस मुलाकात में दोनों देशों के मंत्रियों के बीच बैठक नई दिल्ली में हुई, जहां उद्योग के बदले उद्योग यानी इंडस्ट्री टू इंडस्ट्री सहयोग को बढ़ावा देने के लिए क्विन का स्वागत किया गया।

ट्विटर पर भारत के रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने दोनों देशों के लिए विमानन, जहाज निर्माण और अन्य रक्षा औद्योगिक कार्यक्रमों से संबंधित क्षेत्रों में उपलब्ध अवसरों पर प्रकाश डालते हुए लिखा कि मैं दोनों देशों के बीच उद्योग से उद्योग सहयोग की सुविधा के लिए एक खुले सामान्य निर्यात लाइसेंस की ब्रिटेन की घोषणा का स्वागत करता हूं। हम रक्षा क्षेत्र में भागीदार देशों के साथ सह-विकास और सह-उत्पादन की उम्मीद कर रहे हैं।

राजनाथ सिंह के अलावा भारत के रक्षा सचिव अजय कुमार ने चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) टोनी राडाकिन से मुलाकात की। उन्होंने ट्विट किया कि दोनों देशों के बीच उद्योग-उद्योग साझेदारी सहित रक्षा संबंधों के विस्तार के बारे में अच्छी चर्चा हुई है। सीडीएस टोनी राडाकिन ने नई दिल्ली में चल रहे रायसीना डायलॉग में भी भाग लिया।

ब्रिटिश रक्षा मंत्री जेरेमी क्विन के साथ सीडीएस टोनी रैडाकिन श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए।

इसके अलावा ब्रिटिश रक्षा मंत्री जेरेमी क्विन के साथ सीडीएस ने भारतीय सशस्त्र बलों के बहादुर शहीद जवानों को श्रद्धांजलि दी। सीडीएस टोनी ने ट्वीट करते हुए लिखा कि ब्रिटेन और भारत एक विस्तारित, दीर्घकालिक, रक्षा और सुरक्षा साझेदारी कैसे बना सकते हैं इस पर चर्चा करने के लिए प्रधानमंत्री बोरिस की हालिया यात्रा के बाद रायसीना 2022 के लिए भारत में होना खुशी की बात है।

रायसीना डायलॉग 2022 में यूरोपीय आयुक्त उर्सुला वॉन डेर लेयेन सहित अन्य राजनीतिक नेता थे। इस कार्यक्रम में भू-राजनीतिक और भू-अर्थशास्त्र के मुद्दों पर चर्चा की गई जिसमें वर्तमान भारत-यूरोपीय संबंध और भारत-प्रशांत की भविष्य की स्थिरता शामिल है। बता दें कि इस कार्यक्रम के अलावा ब्रिटेन के प्रधानमंत्री भी बीते दिनों भारत की यात्रा पर थे। उस वक्त भी दोनों पक्षों ने भारत-यूके रक्षा समन्वय का विस्तार करने के लिए शर्तों पर बातचीत की थी।

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