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कतर में मोदी डिप्लोमैसी का कमाल, 8 भारतीयों को फांसी से राहत

कतर में जिन भारतीयों को सजा सुनाई गई है, उनमें भारतीय नौसैना के चार पूर्व कमांडर- अमित नागपाल, पूर्णेंदु तिवारी, सुगुनाकर पकाला, संजीव गुप्ता, तीन पूर्व कैप्टन -नवतेज सिंह गिल, बीरेंद्र कुमार वर्मा, सौरभ वशिष्ठ और एक पूर्व नाविक रागेश गोपाकुमार शामिल हैं।

आठ भारतीय पूर्व नौसैनिकों को सजा में राहत पीएम मोदी और कतर के अमीर की हालिया मुलाकात के बाद आई है। फोटो एक्स @narendramodi

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार को कतर में बड़ी कूटनीतिक जीत हासिल हुई है। भारतीय नौसेना के आठ पूर्व अधिकारियों को कतर में सुनाई गई फांसी की सजा में राहत मिल गई है। कतर की अदालत ने सभी की फांसी की सजा रद्द करके जेल की सजा में बदल दिया है।

इन भारतीयों की सजा में राहत का ये फैसला भारतीय पीएम मोदी और कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल थानी की हालिया मुलाकात के बाद सामने आया है। मोदी और कतर के अमीर की मुलाकात दुबई में हुए जलवायु सम्मेलन के इतर हुई थी। इसके बाद पीएम मोदी ने कहा था कि उनकी मुलाकात में कतर में भारतीय समुदाय की भलाई को लेकर भी बातचीत हुई।

गौरतलब है कि ये आठों पूर्व नौसैनिक अगस्त 2022 से कतर में हिरासत में हैं। इन पर क्या आरोप हैं, इसका आधिकारिक खुलासा नहीं किया गया है, लेकिन खबरों में बताया गया है कि इन्हें इजराइल के लिए जासूसी के आरोप में सजा दी गई है।

इन भारतीय नौसैना के चार पूर्व कमांडर- अमित नागपाल, पूर्णेंदु तिवारी, सुगुनाकर पकाला, संजीव गुप्ता, तीन पूर्व कैप्टन -नवतेज सिंह गिल, बीरेंद्र कुमार वर्मा, सौरभ वशिष्ठ और एक पूर्व नाविक रागेश गोपाकुमार शामिल हैं। जब इनकी गिरफ्तारी हुई, ये सभी कतर की अल दाहरा कंपनी में काम करते थे।

भारतीय विदेश मंत्रालय ने अदालत के नए फैसले के बारे में जानकारी देते हुए बताया है कि इस मामले को लेकर कतर की अपीलीय अदालत का दरवाजा खटखटाया गया था। कोर्ट के फैसले के वक्त भारतीय राजदूत, कई अधिकारी और पूर्व नौसैनिकों के परिजन भी मौजूद थे।

मंत्रालय ने कहा कि हम आठों भारतीयों के परिजनों के साथ शुरू से खड़े रहे हैं। हम इस मामले को लगातार कतर प्रशासन के सामने उठा रहे हैं। हमारी कानूनी टीम अगले कदम को लेकर आठों भारतीयों के परिवारों के संपर्क में हैं।

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