भारत के वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कैलिफोर्निया में प्रवासी भारतीयों से आग्रह किया कि वे भारत की बढ़ती अर्थव्यवस्था में समृद्धि लाने में मदद करने के लिए अपने गांवों तक पहुंचें। यह कार्यक्रम आईआईटी बे एरिया एलुमनी एसोसिएशन और द इंडस एंटरप्रेन्योर्स-TiE द्वारा सैन फ्रांसिस्को में भारतीय वाणिज्य दूतावास के सहयोग से आयोजित किया गया था।
इस अवसर पर महावाणिज्य दूत डॉ. श्रीकर रेड्डी ने कहा कि भारत ने दुनिया भर के निवेशकों के लिए एक माहौल बनाया है। रेड्डी ने रेखांकित किया कि यदि प्रवासी भारतीय न होते तो अमेरिका-भारत संबंध इतने महत्वपूर्ण नहीं होते।
कैलिफोर्निया की बड़ी कृषि अर्थव्यवस्था में भारतीय अमेरिकी योगदान को मंजूरी देते हुए वाणिज्य मंत्री गोयल ने कहा कि इस पूरे क्षेत्र ने दिखाया है कि तकनीक कैसे जीवन को बदल सकती है। भारत में हमने आपके नवाचारों को हमारे सबसे दूरस्थ क्षेत्रों तक पहुंचाया है। भारत ने प्रति वर्ष लगभग 7% की दर से विकास किया है।
गोयल ने भविष्यवाणी की कि भारत की युवा और उद्यमशील आबादी अगले 10 वर्षों में देश की अर्थव्यवस्था में 30 ट्रिलियन डॉलर जोड़ेगी। हमारे वित्तीय बाजार इस गौरवशाली भविष्य को अपनाने के लिए अच्छी स्थिति में हैं।
भारत के उद्योग मंत्री ने कहा कि भारत आज निवेशकों के लिए ऐसा अवसर प्रदान कर रहा है जैसा पहले कभी नहीं था। दुनिया भर के हर देश ने भारत को अपनी सप्लाई चेन में शामिल किया है। आप एक विश्वसनीय भागीदार होने के लिए भारत पर भरोसा कर सकते हैं।
लेकिन भारत की आर्थिक वृद्धि में इसके सबसे हाशिये पर रहने वाले लोग भी शामिल होने चाहिए। पीछे मुड़कर अपने परिवार को देखिये। कोई आपके गांव से बाहर आया और उसने समृद्धि हासिल की। इससे आपको वे अवसर मिले जिनका आप अब आनंद ले रहे हैं।
इसलिए मैं आह्नान करता हूं कि एक बार फिर अपने गांव का रुख कीजिए। अपने असल ठिकाने पर। देखिये वहां कैसे हालात हैं। बच्चों को स्कूल मिल सकें इसके लिए प्रतिभा की पहचान कीजिये और उसे एक ऐसा अवसर प्रदान कीजिये कि वह भी अपने जीवन में कुछ कर सके।
ऐसा करके आप जो संतुष्टि प्राप्त करेंगे उसकी कोई पैमाइश नहीं हो सकती। गोयल ने सैन फ्रांसिस्को खाड़ी क्षेत्र में रहने वाले भारतीय अमेरिकी प्रवासियों से भारत के 600,000 गांवों में से कम से कम 100,000 गांवों को कवर करने का आग्रह किया।
गोयल इस सप्ताह एशिया प्रशांत आर्थिक सहयोग शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए सैन फ्रांसिस्को खाड़ी क्षेत्र में थे। यहां एक विशाल कार्यक्रम में भारत-प्रशांत देशों के अनुमानित 20,000 लोग व्यापार सौदों और सहयोग सहित क्षेत्र में विकास पर चर्चा करने के लिए एकत्र हुए थे।