बाल अधिकारों के लिए कार्यरत गैर सरकारी संगठन सेव द चिल्ड्रन के अध्ययन में दावा किया गया है कि भारत में 22 करोड़ बच्चे जलवायु आपदा और गरीबी का सामना कर रहे हैं। एशियाई देशों में बच्चों के सामने जलवायु आपदा और गरीबी की चुनौती सर्वाधिक कंबोडिया में है।
कंबोडिया के 72 प्रतिशत बच्चे इन चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। इसके बाद म्यांमार (64) और अफगानिस्तान (57 प्रतिशत) का नंबर है। इस सूची में भारत का चौथा नंबर (51 प्रतिशत) है। मगर दोनों चुनौतियों के लिहाज से भारत कथित रूप से पहले स्थान पर है।