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भारत में 22 करोड़ बच्चे जलवायु आपदा और गरीबी में पिसने को मजबूरः स्टडी

अध्ययन के अनुसार भारत में 35.19 करोड़ बच्चों को जलवायु आपदा से जुड़ी कम से कम एक अतिवादी स्थिति का सामना करना पड़ता है। इनमें से अधिकांश बच्चे अधिक दयनीय हालत में हैं। उच्च आय वाले देशों के 121 मिलियन बच्चे जलवायु आपदा और गरीबी का दंश झेल रहे हैं।

Photo by Mohit Tomar / Unsplash

बाल अधिकारों के लिए कार्यरत गैर सरकारी संगठन सेव द चिल्ड्रन के अध्ययन में दावा किया गया है कि भारत में 22 करोड़ बच्चे जलवायु आपदा और गरीबी का सामना कर रहे हैं। एशियाई देशों में बच्चों के सामने जलवायु आपदा और गरीबी की चुनौती सर्वाधिक कंबोडिया में है।

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अध्ययन के अनुसार उच्च आय वाले देशों के 121 मिलियन बच्चे जलवायु आपदा और गरीबी का दंश झेल रहे हैं। Photo by Dulana Kodithuwakku / Unsplash

कंबोडिया के 72 प्रतिशत बच्चे इन चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। इसके बाद म्यांमार (64) और अफगानिस्तान (57 प्रतिशत) का नंबर है। इस सूची में भारत का चौथा नंबर (51 प्रतिशत) है। मगर दोनों चुनौतियों के लिहाज से भारत कथित रूप से पहले स्थान पर है।

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