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दक्षिण एशियाई साहित्य और कला महोत्सव में हस्तियों का हुजूम

अभिनेत्री कोंकणा सेन, हास्य अभिनेता वरुण ग्रोवर और लेखिका शोबा डे, डॉ. अब्राहम वर्गीस तथा अमिताव घोष दो दिवसीय कार्यक्रम के सितारों में शुमार रहे। सह-आयोजक किरन मलहोत्रा ने कहा कि इस आयोजन में हमने पहली बार AI पर परिचर्चा रखी।

उत्सव के एक सत्र में लेखिका शोभा डे और पत्रकार सलिल। Image : NIA

कैलिफोर्निया में 5वें दक्षिण एशियाई साहित्य और कला उत्सव में लेखक, कलाकार, मशहूर हस्तियों और उनके प्रशंसकों का जमावड़ा रहा। कला और साहित्य का यह महोत्सव यहां मेनलो कॉलेज में आयोजित किया गया था। इसका आयोजन पिछले दिनों किया गया।

दीपक रमोला और अब्राहम वर्गीज। Image : NIA

सप्ताहांत कार्यक्रम में 22 पैनल, 65 स्पीकर, कई कला प्रदर्शनियां आयोजित की गईं। तारिक कुरिंबॉय, तान्या मोमी और चित्रा गणेश के हुनर के साथ उभरते लेखकों के लिए अपने काम को साझा करने के लिए एक आउटडोर ओपन माइक था।

वार्षिक कार्यक्रम का आयोजन करने वाले आर्ट फोरम SF की संस्थापक और कार्यकारी निदेशक अंबिका सहाय ने उत्सव से पहले एक साक्षात्कार में न्यू इंडिया अब्रॉड से कहा था कि यह अमेरिका में सबसे बड़ा दक्षिण एशियाई बौद्धिक जमावड़ा है। हमें उम्मीद है कि दक्षिण एशियाई कौन हैं इस बारे में धारणा बदलने जा रही है। हम इस समुदाय में रहते हैं और ये हमारे अनुभव हैं।

सह-आयोजक किरन मलहोत्रा ने न्यू इंडिया अब्रॉड को बताया कि अमेरिका में ढेर सारे दक्षिण एशियाई कलाकार हैं जिन्हे मंच की दरकार है। उनकी मौन आवाज को सुना जाना जरूरी है। किरन ने कहा कि इस आयोजन में हमने पहली बार AI पर परिचर्चा रखी। प्रोजेक्ट FUEL 195 देशों के अनुभवों पर आधारित है जिससे दुनिया एक इंटरैक्टिव कक्षा बन गई है। उदाहरण के लिए प्रतिभागी किसी मासाई महिला से जुड़ सकते हैं या किसी नोबेल पुरस्कार विजेता से सीख सकते हैं।

प्रख्यात लेखिका शोभा डे ने एक इंटरव्यू से 8 अक्टूबर की दोपहर शो में धूम मचा दी। यह इंटरव्यू उनके लंबे समय के मित्र पत्रकार सलिल त्रिपाठी ने किया, जिन्हें उन्होंने पहली नौकरी दी थी।
दोनों ने डे की नई किताब 'इनसैटिएबल' पर चर्चा की जिसनें भोजन को जीवन के एक रूपक के तौर पर वर्णित किया गया है।

परदे के पीछे शीर्षक से हुई एक परिचर्चा में भारतीय फिल्म अभिनेत्री कोंकणा सेन शर्मा चनुजा चंद्रा और गीतकार कौसर मुनीर के साथ नजर आईं। इससे एक दिन पहले डॉ. अब्राहम वर्गीज ने अपने नये उपन्य़ास पर चर्चा की थी।

श्रम अधिकार कार्यकर्ता साकेत सोनी ने कहा कि अधिकांश अमेरिकी इस बात से सहमत हैं कि इस देश में आप्रवासियों की आवश्यकता है। भले ही कुछ नेता उन्हे बदनाम करने का प्रयास करते है। सोनी ने कहा कि आप्रवासियों को अपनी दास्तान उजागर करनी चाहिए। हमें सबसे खराब परिस्थितियों में भी उनके जीवन की गरिमा को समझने की जरूरत है। लेखक अमिताव घोष ने लेखक व पत्रकार रघु कर्नाड के साथ अपने नवीनतम काम 'स्मोक एंड एशेज' पर चर्चा करते हुए SALA 2023 का समापन किया।

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