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कोविड में जब सब थम गया था, तो इस डॉक्टर ने ऐसा किया जो पहचान बन गई

लंदन में रहने वाले भारतीय मूल के गुलजार सिंह धनोया ने लॉकडाउन के दौरान ‘गुल्ज’ नाम से एक रॉक बैंड शुरू किया था। आज इसकी लोकप्रियता अपने चरम पर है। गुलजार ब्रिटिश सरकार से फंडेड राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा (NHS) में काम करते हैं।

गुलजार ने लॉकडाउन के दौरान ‘गुल्ज’ नाम से एक रॉक बैंड शुरू किया था। फोटो: @jacobb_perry

कोविड महामारी के दौरान लागू लॉकडाउन की वजह से जब दुनिया थम गई थी। उस वक्त लंदन में रहने वाले भारतीय मूल के डॉक्टर गुलजार (गुल्ज) सिंह धनोया (25) ने कुछ ऐसा किया कि जो आज उनकी पहचान बन गई है। गुलजार ने लॉकडाउन के दौरान ‘गुल्ज’ नाम से एक रॉक बैंड शुरू किया था। आज इसकी लोकप्रियता अपने चरम पर है। गुलजार ब्रिटिश सरकार से फंडेड राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा (NHS) में काम करते हैं।

एनएचएस चिकित्सा पेशेवरों से चार सदस्य अब इस बैंड का हिस्सा हैं। धनोया बैंड के प्रमुख गायक एवं गीतकार हैं। उन्होंने मेडिकल की पढ़ाई के दौरान ‘गुल्ज’ नाम से इंडी-रॉक बैंड शुरू किया था। धनोया ने इस हफ्ते एक इंटरव्यू के दौरान कहा कि विश्वविद्यालय में पढ़ाई के दौरान यह बहुत आसान था। क्योंकि उस वक्त मेरे पास काफी समय था।

उन्होंने बताया कि मैंने (महामारी के दौरान के) कुछ गीतों को जारी करने का फैसला किया। लेकिन ऐसा सोचकर ही मैं बहुत घबराया हुआ था। मैंने इसे सोशल मीडिया पर साझा किया और फिर इसे एक सप्ताह के लिए अपने फोन से हटा दिया। मुझे डर था कि मेरे साथी इसके लिए मुझे डांटेंगे। लेकिन सौभाग्य से ऐसा कुछ नहीं हुआ और सब अच्छा रहा।

इसके बाद गुलजार सिंह धनोया के एक गीत को स्थानीय रेडियो स्टेशनों ने प्रसारित किया गया। इसके बाद उनको कार्यक्रम करने के लिए प्रस्ताव मिलने लगे। इसके बाद उन्होंने यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन (UCL) से अपने दोस्तों को बैंड में शामिल किया, जिन्होंने पूरे लंदन में बेहद सफल शो किए।

खुद को 'डॉक्टर/रॉकर्स' बताते हुए बैंड ने हाल ही में Fierce Panda Records के साथ अपना पहला EP 'एज ऑफ यूथ' जारी किया है। धनोया कहते हैं कि अपने व्यस्त चिकित्सा पेशे के बीच संगीत कार्यक्रमों को करना आसान नहीं है, लेकिन वे इसे करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

धनोया का कहना है कि यह सही है कि अस्पताल के मरीज प्राथमिकता में हमेशा पहले आते हैं। ऐसे में हमें अपने रियाज के समय में थोड़ा लचीलापन लाने की जरूरत होती है। जैसे एक सप्ताह मैं रात की पाली में रहूंगा और फिर अगले सप्ताह कोई और होगा। हम इस मामले में एक-दूसरे का थोड़ा सहयोग करते हैं। छुट्टी के दिनों में हम सिर्फ संगीत पर ध्यान केंद्रित करते हैं। उन्होंने कहा कि अस्पताल के कामकाज के दौरान स्थितियां कई बार तनावपूर्ण हो जाती हैं, लेकिन संगीत इनसे निपटने में मदद करता है।

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