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भारत-यूके में अपराधियों की जानकारी देने का समझौता तो हुआ लेकिन अगर-मगर जारी है

यूके होम ऑफिस ने दावा किया है कि दोनों देशों द्वारा साझा की गई इस जानकारी से यौन अपराधियों समेत अंजान अपराधियों से जनता की रक्षा करने में पुलिस को मदद मिलेगी। यह रिकॉर्ड अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपराधियों से निपटने और अवैध प्रवासियों को एक दूसरे देश में वापस भेजने के लिए काम आएंगे।

Photo by Bermix Studio / Unsplash

अपराधियों के रिकॉर्ड शेयर करने को लेकर साल 2018 में ब्रिटेन और भारत के बीच हुए समझौते के बाद अब भारत सरकार रिकॉर्ड साझा करने के आसान से आसान तरीकों का विश्लेषण कर रही है।

यूके की सरकार के मुताबिक भारत सरकार का गृह मंत्रालय अपराधियों के रिकॉर्ड एक्सचेंज में उन लोगों के बायोमेट्रिक्स और खुफिया जानकारी देगा जिन पर अवैध गतिविधियों के आरोप हैं। यह रिकॉर्ड अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपराधियों से निपटने और अवैध प्रवासियों को एक दूसरे देश में वापस भेजने के लिए काम आएंगे।

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