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यूके में प्रशिक्षित भारतीय नर्सों की बढ़ रही मांग, संख्या में भी इजाफा हो रहा

2021-22 के लिए नर्सिंग एंड मिडवाइफरी काउंसिल (NMC) के आंकड़े बताते हैं कि काउंसिल के रजिस्टर में यूके में काम करने के लिए योग्य 37,815 भारतीय नर्सें हैं। यह संख्या 2020-21 में 28,192 थी और चार साल पहले 17,730 थी।

Photo by Irwan iwe / Unsplash

लंदन के स्वास्थ्य क्षेत्र में भारतीय नर्सों का दबदबा बढ़ता जा रहा है। हाल ही में लंदन में जारी आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार ब्रिटेन की राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा के कार्यबल को बढ़ावा देने के लिए भारत से आने वाली नर्सों की संख्या बढ़ रही है। 2021-22 के लिए नर्सिंग एंड मिडवाइफरी काउंसिल (NMC) के आंकड़े बताते हैं कि काउंसिल के रजिस्टर में यूके में काम करने के लिए योग्य 37,815 भारतीय नर्सें हैं।

यह संख्या 2020-21 में 28,192 थी और चार साल पहले 17,730 थी। हालांकि यूके में फिलीपींस से आने वाली नर्सों की संख्या अभी सबसे अधिक है। ​फिलीपींस 41,090 नर्सों के साथ सबसे शीर्ष स्रोत देश बना हुआ है और तीसरे स्थान पर 7,256 नर्सों के साथ नाइजीरिया है। ट्विटर का सहारा लेते हुए यूके के स्वास्थ्य और सामाजिक देखभाल विभाग ने इस बात की पुष्टि करते हुए कहा कि 7,58,303 में से लगभग 7,05,000 नर्स हैं। जबकि 40,000 से अधिक दाइयों और लगभग 7,000 नर्सिंग सहयोगी शामिल हैं।

इनमें 71.9% पड़ोसी देशों से आती हैं और 24.7% एशियाई मूल की हैं। नर्सिंग एंड मिडवाइफरी काउंसिल (NMC) ने पाया कि पिछले साल यूके में काम करने आईं नर्सोें में से लगभग 48 फीसदी ने विदेशों में प्रशिक्षण लिया था और उनमें से 66 फीसदी ने भारत या फिलीपींस में प्रशिक्षित लिया था।

एनएमसी की मुख्य कार्यकारी और रजिस्ट्रार एंड्रिया सटक्लिफ ने पुष्टि की कि यह अब तक का उच्चतम स्तर है। पिछले दो वर्षों में आई कमी के बाद यह अच्छी खबर है। हालांकि डेटा से मालूम होता है कि कुछ चेतावनियों को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। बढ़े हुए पेशेवरों के साथ यूके छोड़ने वालों की कुल संख्या में भी इजाफा हुआ है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य और देखभाल सेवाओं की बढ़ती मांगों को पूरा करने के लिए नई भर्तियों को बनाए रखने और आकर्षित करने पर ध्यान केंद्रित करने के लिए  एक स्थायी कार्यबल योजना की आवश्यकता है।

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