इंटरनेशनल हायर एजुकेशन फोरम में यूके की अंतर्राष्ट्रीय शिक्षा रणनीति के हिस्से के रूप में भारत को शीर्ष पांच प्राथमिकता वाले देशों में शामिल किया गया। अंतर्राष्ट्रीय शिक्षा चैंपियन स्टीव स्मिथ यूके की शिक्षा के लिए अवसरों को खोलने के लिए पांच प्राथमिकता वाले देशों में काम कर रहे हैं: भारत, इंडोनेशिया, नाइजीरिया, सऊदी अरब और वियतनाम।
भारत-ब्रिटेन के भविष्य के संबंधों के लिए वर्ष 2030 रोडमैप और स्नातक मार्ग (graduate route) की शुरूआत के बाद होम ऑफिस के आंकड़े बताते हैं कि पिछले साल भारतीय नागरिकों को लगभग 85,000 अध्ययन वीजा जारी किए गए, जो कि एक साल पहले की तुलना में लगभग दोगुना था। चीनी नागरिकों को दिए गए वीजा से यह 20,000 कम है।
नेशनल इंडियन स्टूडेंट्स एंड एलुमनाई यूनियन (NISAU) यूके के अध्यक्ष सनम अरोड़ा के अनुसार, "पिछले साल सितंबर में, ब्रिटिश अर्थव्यवस्था में 28.8 बिलियन पाउंड (करीब 2883 अरब रुपये) के वार्षिक शुद्ध राजस्व के साथ भारतीय छात्रों का प्रमुख योगदान था।" यूके के कौशल मंत्री एलेक्स बरगर्ट ने फोरम में संबोधित करते हुए कहा कि 2020-21 शैक्षणिक वर्ष में भारत के छात्रों में 27 प्रतिशत तक की वृद्धि हुई...इसे उन्होंने ब्रिटेन के बेहतर छात्र नीति का "शानदार समर्थन" बताया।