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ग्लासगो भारत और अन्य देशों को लौटाएगा उनकी प्राचीन कलाकृतियां

यूके लेबर सांसद बेल रिबेरो-एडी ने इस मसले पर ट्वीट करते हुए कहा कि हमें पिछली गलतियों को ठीक करने के लिए ऐसे छोटे छोटे कामों से ही शुरुआत होती है। यह वस्तुएं हमारी नहीं है। भारत की प्राचीन कलाकृतियों में एक तलवार, एक म्यान, हिंदू मंदिरों और मंदिरों से चोरी की गई इमारत के टुकड़े भी शामिल हैं।

ग्लासगो सिटी काउंसिल ने स्कॉटलैंड के संग्रहालय में रखीं वर्षों पुरानी वस्तुओं को बड़े पैमाने पर लौटाने को लेकर सह​मति व्यक्त की है। संग्रहालय में रखी हुईं इन कलाकृतियों को भारत, नाइजीरिया और नेटिव अमेरिकियों को दिया जाएगा। इसे कलाकृतियों का अभी तक का सबसे बड़ा प्रत्यावर्तन कहा जा रहा है।

सिर्फ भारत की बात की जाए तो भारत सरकार, भारत का पुरातत्व विभाग और लंदन में मौजूद भारतीय उच्चायोग ने आठ बहुमूल्य वस्तुओं की बहाली का अनुरोध किया था। इनमें एक औपचारिक तलवार, एक म्यान, हिंदू मंदिरों और मंदिरों से चोरी की गई इमारत के टुकड़े भी शामिल हैं।

केल्विंग्रोव आर्ट गैलरी में प्रदर्शित इंडियन घोस्ट शर्ट को 2000 में भारत लौटा दिया गया था।

ग्लासगो लाइफ के डिर्पाचर चेयरमैन और काउंसलर डेविड मैकडोनाल्ड ने कहा कि मेरा मानना ​​​​है कि यूके से भारत को इतनी बड़ी तादाद में बहुमूल्य वस्तुओं को देने का यह पहला मामला है। यह शहर के लिए एक महत्वपूर्ण क्षण है। शहर उनकी वापसी के लिए वित्तीय योगदान देने की भी योजना बना रहा है। उन्होंने कहा कि पूरे प्रत्यावर्तन की अनुमानित लागत 30,000 और 40,000 ब्रिटिश पाउंड यानी 30 लाख से 40 लाख रुपये के बीच होने की उम्मीद है।

यूके लेबर सांसद बेल रिबेरो-एडी ने इस मसले पर ट्वीट करते हुए कहा कि आज ग्लासगो के पार्षदों ने नाइजीरिया और भारत यानी इन कलाकृतियों के असली घरों में भेजने का जो निर्णय लिया वह बिल्कुल सही है। हमें पिछली गलतियों को ठीक करने के लिए ऐसे छोटे-छोटे कामों से ही शुरुआत होती है। यह वस्तुएं हमारी नहीं है।

मैकडॉनल्ड्स ने गुरुवार को निर्णय की घोषणा करते हुए कहा कि मुझे खुशी है कि सभी पार्षदों ने आज समिति की सिफारिशों का समर्थन किया। यह समझौता स्कॉटलैंड से वस्तुओं की अब तक की सबसे बड़ी एकल प्रत्यावर्तन और किसी भी यूके संग्रहालय सेवा से भारत में प्राचीन वस्तुओं की पहली प्रत्यावर्तन का प्रतिनिधित्व करता है। उन्होंने आगे कहा कि हमें बहुत गर्व है कि यह एक पार्षद के रूप में मेरे अंतिम कार्यों में से एक होना चाहिए। इस काम में लगाए गए देखभाल और शोध के लिए ग्लासगो संग्रहालय के कर्मचारियों को भी मैं धन्यवाद करता हूं।

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