अमेरिका में लोगो को मानसिक समस्याएं बड़े पैमाने पर प्रभावित कर रही हैं। अमेरिका के सर्जन जनरल डॉ. विवेक मूर्ति ने इस बारे में येल विश्वविद्यालय के शिक्षाविद हरलान क्रुमहोल्ज़ और हॉवर्ड फॉर्मन के साथ एक विशेष पॉडकास्ट में विस्तार से चर्चा की। करीब 40 मिनट के पॉडकास्ट में मूर्ति ने डॉ. मूर्ति ने अपने व्यक्तिगत जीवन, भारतीय जड़ों से लेकर आम के प्रति अपने प्रेम पर भी चर्चा की।
डॉ. मूर्ति ने कहा कि मानसिक स्वास्थ्य हमारे देश में एक तेजी से बढ़ता संकट है। हमने देखा है कि अज्ञात मानसिक बीमारियां लोगों के जीवन को प्रभावित कर रही है। उन्होंने कहा कि मैंने भी इस समस्या का सामना किया है। एक डॉक्टर के रूप में कई ऐसे लोगों का निदान किया है, जो वर्षों से मानसिक स्वास्थ्य को लेकर परेशान थे।
पूर्व ओबामा प्रशासन में भी अमेरिका के सर्जन जनरल के रूप में कार्य कर चुके भारतीय अमेरिकी डॉ. मूर्ति ने कहा कि यही वजह है कि उनके विभाग की दो प्राथमिकताएं हैं- मानसिक स्वास्थ्य और आम लोगों की भलाई। हमारा ध्यान लोगों को बेहतर उपचार प्रदान करने पर रहा है। उन्होंने देश में जीवन प्रत्याशा, मोटापा और व्यसनों जैसे विभिन्न मुद्दों पर भी अपने विचार रखे।
भारत से अमेरिका तक अपने परिवार की यात्रा के बारे में उन्होंने कहा कि उनके माता-पिता भारत में पले-बढ़े थे। जब वह (मूर्ति) तीन साल के थे तब उनके परिजन अमेरिका में आकर बस गए। इस दौरान उनके परिवार को कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बावजूद अमेरिका ने उन्हें आगे बढ़ने का रास्ता दिखाया।
मियामी में अपने बचपन के घर के बारे में मूर्ति ने बताया कि उनके माता-पिता ने अमेरिका में भारत जैसा माहौल महसूस करने के लिए अपने घर के पिछवाड़े में आम और अन्य फलों के 10 पेड़ लगाए थे। आम के प्रति अपने प्रेम के बारे में मूर्ति ने कहा कि मैं आम खाकर बड़ा हुआ हूं। मैं आम का शौकीन हूं। मुझे दुकानों से खरीदकर आम खाना पसंद नहीं है क्योंकि मुझे सीधे पेड़ों से आम खाना अच्छा लगता है, जो बहुत मीठे होते हैं।