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USFDA ने भारत के मसाले पर उठाए सवाल, किया आगाह, कंपनी ने क्या कहा

यूनाइटेड स्टेट्स फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एफडीए) ने जिन मसालों के संबंध में स्वास्थ्य चेतावनी जारी की है उनमें एवरेस्ट गरम मसाला, एवरेस्ट सांभर मसाला और मैगी मसाला ए मैजिक शामिल हैं। कंपनी ने बयान में दावा किया कि अब तक इन मसालों से किसी तरह की बीमारी होने की बात सामने नहीं आई है।

फोटो: Everest Foods

भारत में बने आई ड्रॉप और कफ सिरप के बाद अब मसालों की क्वालिटी पर सवाल उठे हैं। अमेरिका के यूनाइटेड स्टेट्स फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (USFDA) ने एक भारतीय ब्रांड के मसालों के संबंध में एक स्वास्थ्य चेतावनी जारी की है। यह चेतावनी मसालों में साल्मोनेला मिलने की पुष्टि के बाद जारी हुई है।

यह सलाह अमेरिकी के जॉर्जिया, उत्तरी कैरोलिना, ओहियो, मैरीलैंड, टेनेसी, टेक्सास, मिसिसिपी, फ्लोरिडा, वर्जीनिया, न्यू जर्सी, न्यूयॉर्क और पेंसिल्वेनिया आदि राज्यों में ये मसाला खरीदने वाले उपभोक्ताओं के लिए जारी की गई। जो उत्पाद जांच के दायरे में आए हैं उनमें एवरेस्ट गरम मसाला, एवरेस्ट सांभर मसाला और मैगी मसाला ए मैजिक शामिल हैं। एफडीए ने कहा कि ये उत्पाद भारत में खुदरा दुकानों से खरीदे गए, आयात करके अमेरिका लाए गए और 16 मार्च 2023 से अमेरिका में इन्हें बेचा जा रहा था। बाद में इन्हें बाजार से वापस ले लिया गया।

विज्ञप्ति में कहा गया है कि इन उत्पादों को गुजरात स्थित एवरेस्ट फूड प्रोडक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड द्वारा वितरित नहीं किया गया था और ये अमेरिकी बाजार में वितरण या बिक्री के लिए नहीं बने थे। कंपनी ने बयान में दावा किया कि अब तक इन मसालों से किसी तरह की बीमारी होने की बात सामने नहीं आई है।

रोग नियंत्रण केंद्र के अनुसार, साल्मोनेला एक बीमारी उत्प्रेरक बैक्टीरिया है जो चिकन, बीफ, पोर्क, अंडे, फल, सब्जियों के साथ-साथ प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों सहित विभिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थों में पाया जाता है। साल्मोनेला से दूषित वस्तुओं का स्वाद अक्सर सामान्य होता है जिससे इसका पता लगाना मुश्किल हो जाता है। सीडीसी का अनुमान है कि यह बैक्टीरिया हर साल अमेरिका में 10 लाख से अधिक खाद्य जनित बीमारियों का कारण बनता है।

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