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जलवायु संकट से निपटने में कैसे मदद कर सकता है अमेरिका, रिचर्ड वर्मा ने बताया

भारत में अमेरिका के राजदूत रह चुके रिचर्ड वर्मा ने कहा कि घरेलू सुधारों और अंतरराष्ट्रीय साझेदारी के जरिए हम न केवल ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम कर सकते हैं बल्कि जलवायु परिवर्तन के खिलाफ कमजोर देशों की लड़ाई में उनका समर्थन करने के संसाधन भी जुटा सकते हैं।

जलवायु संकट पर अपने विचार व्यक्त करते रिचर्ड वर्मा। फोटो US Department of State

अमेरिका के प्रबंधन एवं संसाधन मामलों के विदेश उप मंत्री रिचर्ड आर. वर्मा ने जलवायु संकट से निपटने की दिशा में प्रभावशाली परिणाम प्राप्त करने के लिए वैश्विक साझेदारी और सहयोगात्मक प्रकृति पर जोर दिया है।

रिचर्ड वर्मा ने कहा कि मानव जाति के फायदे के लिए राष्ट्रों को एकसाथ मिलकर काम करना चाहिए। उन्होंने इसके लिए COP28 में अमेरिकी राष्ट्रपति के विशेष दूत जॉन केरी के भाषण को याद किया जिसमें उन्होंने कहा था कि कोई भी देश अकेले इस जलवायु संकट का समाधान नहीं कर सकता।

भारत में अमेरिका के राजदूत रह चुके वर्मा ने कहा कि घरेलू सुधारों और अंतरराष्ट्रीय साझेदारी के जरिए हम न केवल ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम कर सकते हैं बल्कि जलवायु परिवर्तन के खिलाफ कमजोर देशों की लड़ाई में उनका समर्थन करने के संसाधन भी जुटा सकते हैं।

उन्होंने कहा कि COP28 में भारतीय और अमेरिकी अधिकारियों ने इस विषय पर भी चर्चा की थी कि भारत को किस तरह 50,000 बसों का विद्युतीकृत करके कम कार्बन उत्सर्जन वाले सार्वजनिक परिवहन तक पहुंच बढ़ाने में मदद की जा सके।

वर्मा ने तकनीकी सुधारों पर अमल के लिए पूंजी जुटाने की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने विकासशील देशों खासकर भारत में ऊर्जा तक पहुंच बढ़ाने के महत्व को रेखांकित किया, जहां सतत विकास के लिए बिजली महत्वपूर्ण है।

वर्मा विकासशील और उभरती अर्थव्यवस्थाओं को जीवाश्म ईंधन से स्वच्छ ऊर्जा में परिवर्तन को प्रोत्साहित करने को अमेरिका के विदेशी संबंधों और वैश्विक जलवायु लक्ष्यों को प्राप्त करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका के रूप में देखते हैं।

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