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क्या कतर में नौसेना कर्मी रिहा होंगे? भारत को दूसरी राजनयिक पहुंच मिली

नौसेना कर्मियों को गिरफ्तार किए जाने के दो महीने बाद भारत को पहली कांसुलर एक्सेस मिली थी। अब विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत को नौसेना के उन आठ पूर्व सैनिकों तक दूसरी राजनयिक पहुंच मिल गई है जिन्हें कतर की एक अदालत ने सात नवंबर को मौत की सजा सुनाई थी।

Photo by Emiliano Bar / Unsplash

अक्टूबर में कतर की एक अदालत ने आठ पूर्व भारतीय नौसेना कर्मियों को मौत की सजा सुनाई है, जो एक साल से अधिक समय से देश में हिरासत में थे। इसको लेकर पीड़ित परिवारों ने सरकार से मदद की गुहार लगाई थी। भारत सरकार अपने पूर्व कर्मियों की रिहाई में पूरी ताकत से जुटी है।

नौसेना कर्मियों को गिरफ्तार किए जाने के दो महीने बाद भारत को पहली कांसुलर एक्सेस मिली थी। अब विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत को नौसेना के उन आठ पूर्व सैनिकों तक दूसरी राजनयिक पहुंच मिल गई है जिन्हें कतर की एक अदालत ने सात नवंबर को मौत की सजा सुनाई थी। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने मंत्रालय की साप्ताहिक ब्रीफिंग के दौरान गुरुवार को कहा कि भारत इस मुद्दे के संबंध में कतर के अधिकारियों के संपर्क में है।

उन्होंने कहा कि कतर की अदालत ने पहली बार आठ भारतीय कर्मचारियों पर फैसला सुनाया है। फैसला गोपनीय है और इसे कानूनी टीम के साथ साझा किया गया है। इस संबंध में एक अपील दायर की गई है। हम कतर के अधिकारियों के संपर्क में हैं। प्रवक्ता ने कहा कि भारतीय अधिकारी आठ लोगों के परिवार के सदस्यों के संपर्क में भी हैं। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने उनसे मुलाकात की है। प्रवक्ता ने कहा कि भारत उन्हें कानूनी सहायता प्रदान करना जारी रखेगा।

कतर की अदालत ने अज्ञात आरोपों में 26 अक्टूबर को नौसेना के आठ पूर्व सैनिकों को मौत की सजा सुनाई थी। ये सभी दोहा स्थित डहरा ग्लोबल के कर्मचारी थे और उन्हें जासूसी के आरोप में अगस्त 2022 में गिरफ्तार किया गया था। भारत ने फैसले को बेहद चौंकाने वाला बताया और इस मामले पर कतर के साथ बातचीत करने के लिए सभी राजनयिक माध्यमों का इस्तेमाल किया।

गिरफ्तार किए गए भारतीयों की पहचान कैप्टन नवतेज सिंह गिल, कैप्टन बीरेंद्र कुमार वर्मा, कैप्टन सौरभ वशिष्ठ, कमांडर अमित नागपाल, कमांडर पूर्णेंदु तिवारी, कमांडर सुगुणकर पकाला, कमांडर संजीव गुप्ता और नाविक रागेश के रूप में हुई है।

बागची ने कहा कि हम मौत की सजा के फैसले से बहुत सदमे में हैं और विस्तृत फैसले का इंतजार कर रहे हैं। हम परिवार के सदस्यों और कानूनी टीम के संपर्क में हैं, और हम सभी कानूनी विकल्पों पर विचार कर रहे हैं।

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