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एक और भारतीय युवा हुआ हिंसा का शिकार, गोली मारकर कर दी हत्या

फिलाडेल्फिया में 21 साल के भारतीय-अमेरिकी छात्र जूड चाको की गोली मारकर हत्या कर दी गई है। टेम्पल यूनिवर्सिटी के छात्र चाको, रॉय चाको और असजा चाको के बेटे हैं। दंपत्ति 30 साल पहले भारत से अमेरिका आए थे। हाल ही में कई भारतीय अमेरिकी इस तरह की लक्षित हिंसा के शिकार हुए हैं।

चाको वारदात की रात 29 मई को काम से घर लौट रहे थे। (फोटो : @PhillyCrimeUpd)

अमेरिका में भारतीय मूल का एक और युवक हिंसा का शिकार हुआ है। फिलाडेल्फिया में 29 मई को एक अज्ञात हमलावर ने 21 साल के भारतीय-अमेरिकी छात्र जूड चाको की गोली मारकर हत्या कर दी। चाको वारदात की रात काम से घर लौट रहे थे। गोली चाको के माथे में मारी गई थी। यह वारदात पोर्ट रिचमंड के कंबरलैंड स्ट्रीट पर हुई थी। हालांकि पुलिस इस हत्याकांड के पीछे लूटपाट की आशंका जता रही है। पुलिस के मुताबिक फिलहाल मामले की जांच की जा रही है।

इलाके में निगरानी कैमरों की कमी के कारण गोलीबारी किस समय हुई, यह साफ नहीं हो पाया है। Photo by Lacie Slezak / Unsplash

टेम्पल यूनिवर्सिटी के छात्र चाको, रॉय चाको और असजा चाको के बेटे हैं। दंपत्ति 30 साल पहले भारत से अमेरिका आए थे। इलाके में गवाहों और निगरानी कैमरों की कमी के कारण गोलीबारी किस समय हुई, यह साफ नहीं हो पाया है। वारदात के पीछे कौन लोग शामिल थे, इसका भी पता नहीं चल पाया है। एक पैदल यात्री ने पीड़ित को रविवार सुबह 8 बजे जमीन पर गिरा हुआ पाया था। एक स्थानीय न्यूज चैनल ने रविवार सुबह इस वारदात की खबर दी थी। इसके साथ ही यह भी साफ नहीं है कि चाको को जिस रात हमलावरों ने शिकार बनाया था, उस रात वह क्या कर रहे थे। हालांकि पुलिस लूटपाट को लेकर हत्या की आशंका जता रही है। समाचार रिपोर्टों में कहा गया है कि चाको का बटुआ और लाइसेंसी बंदूक दोनों गायब थे।

a vintage revolver with a red backdrop
हाल ही में कई भारतीय-अमेरिकी हिंसा के शिकार हुए हैं।Photo by Arnav Singhal / Unsplash

स्थानीय समाचार रिपोर्टों के अनुसार चाको फिलाडेल्फिया के बुस्टलटन खंड में अपने स्थानीय चर्च समुदाय से जुड़े हुए थे। उन्हें लोगों से प्यार करने वाले, मिलजुल कर रहने वाले  युवा के रूप में याद किया जाता है। सेंट अल्बर्ट द ग्रेट रोमन कैथोलिक चर्च के जोसेफ डंकन का कहना है कि मैंने चाको को एक बेहतर युवा के रूप में देखा है। वह बहुत मिलनसार और सबसे अच्छे व्यवहार करने वाले, सबको स्नेह करने वाले इंसान थे। उनकी इस तरह से हत्या की खबर बहुत ही दुख पहुंचाने वाली है।

हाल ही में कई भारतीय अमेरिकी इस तरह की लक्षित हिंसा के शिकार हुए हैं। कुछ दिनों पहले ऐश्वर्या थाटिकोंडा टेक्सास सामूहिक गोलीबारी में मारे गए नौ लोगों में से एक थीं। अप्रैल में आंध्र के एलुरु के रहने वाले 21 साल के वीरा सैश की कोलंबस ओहायो में एक संदिग्ध डकैती के दौरान हत्या कर दी गई थी। जनवरी में शिकागो के प्रिंसटन पार्क में हथियारबंद लुटेरों ने 23 साल के देवशीष नंदेपू की गोली मारकर हत्या कर दी थी।  

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