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150 भारतीय छात्रों को कनाडा सरकार से राहत, अभी नहीं छोड़ना होगा देश

कनाडा में शैक्षणिक संस्थानों में इन छात्रों के एडमिशन ऑफर लेटर को अधिकारियों ने फर्जी पाया गया था। इसके बाद सभी छात्रों को निर्वासित किए जाने का पत्र भेज दिया गया था। आव्रजन मंत्री का कहना है कि फिलहाल हमारा ध्यान अपराधियों की पहचान करने पर है, न कि पीड़ितों को दंडित करने पर।

Photo by Shubham Sharan / Unsplash

निर्वासन का दंश झेल रहे कनाडा में पढ़ाई करने गए 150 भारतीय छात्रों को कनाडा की सरकार से फिलहाल राहत मिली है। शैक्षणिक संस्थानों में इन छात्रों के एडमिशन ऑफर लेटर को अधिकारियों ने फर्जी पाया गया था। इसके बाद कनाडा की बॉर्डर सिक्योरिटी एजेंसी (CBSA) ने सभी छात्रों को निर्वासित किए जाने का पत्र भेज दिया था। लेकिन इन भारतीय छात्रों को कनाडा सरकार से राहत मिली है। कनाडा के आव्रजन मंत्री शॉन फ्रेजर ने कहा कि सरकार पीड़ितों को दंडित करने के बजाय दोषियों की पहचान करने पर ध्यान केंद्रित कर रही है।

https://twitter.com/SeanFraserMP/status/1662071417226121216

माइक्रो ब्लॉगिंग साइट पर ट्वीट करते हुए उन्होंने कहा कि हम इस मामले की सक्रिय रूप से जांच कर रहे हैं। लेकिन फिलहाल हमारा ध्यान अपराधियों की पहचान करने पर है, न कि पीड़ितों को दंडित करने पर। धोखाधड़ी के पीड़ितों के पास अपनी स्थिति स्पष्ट करने की खातिर सबूत पेश करने का अवसर होगा। मंत्री का कहना है कि हम अपने देश में अंतरराष्ट्रीय छात्रों के महती योगदान को पहचानते हैं। हम संस्थानों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं जिससे यह सत्यापित किया जा सके कि आवेदन के समय स्वीकृति पत्र वैध हैं।

https://twitter.com/JennyKwanBC/status/1662193715816071168

दरअसल ये एडमिशन ऑफर लेटर 5 साल पुराने हैं। ये छात्र 2018-19 में पढ़ाई करने के लिए कनाडा गए थे। इस फ्रॉड का खुलासा तब हुआ जब छात्रों ने कनाडा में स्थायी निवास के लिए आवेदन किया। इसके बाद सीबीएसए ने इन एडमिशन ऑफर लेटर्स की जांच की तो पाया कि ये फर्जी हैं। पहले इन ऑफर्स लेटर्स की वजह से ही छात्रों को वीजा दिया गया था।

https://twitter.com/MWACCanada/status/1662106711920979970

इस बीच कनाडा की न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी (NDP) ने भी सरकार से उन 150 भारतीय छात्रों को वापस नहीं भेजने की मांग की थी। एनडीपी का कहना है कि इमीग्रेशन कंसल्टेंट्स एजेंसी ने इन छात्रों को धोखा दिया है। इस बारे में छात्र अनजान थे। एनडीपी के सदस्य जैनी क्वान ने कहा कि मैंने इस बारे में मंत्री (इमीग्रेशन मिनिस्ट्रर सीन फ्रेजर) को लिखा था कि इन छात्रों की मदद करने के लिए तत्काल कार्रवाई की जाए, जिन्होंने अनजाने में गलत लोगों से धोखाधड़ी वाले यात्रा दस्तावेज प्राप्त किए थे।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक भारत में पंजाब के जालंधर निवासी एजेंट बृजेश मिश्रा फर्जी दाखिला पत्र देने और छात्रों से हजारों डॉलर वसूलने के लिए जिम्मेदार था। छात्रों का कहना है कि उन्हें पत्रों के फर्जी होने के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। उन्होंने कनाडा के शीर्ष कॉलेजों में नामांकन के लिए 15-20 लाख रुपये का भुगतान किया था।

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