क्रोएशिया के जोगिंदर सिंह निज्जर इस बार का प्रवासी भारतीय सम्मान पाने से पहले खासे उत्साहित हैं। उन्होंने कला, संस्कृति और शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय काम किया है जिसके लिए भारत के इंदौर शहर में चल रहे प्रवासी भारतीय सम्मेलन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू उन्हें प्रवासी भारतीय सम्मान से नवाजेंगी।
निज्जर 1976 में उस समय क्रोएशिया चले गए थे जब दोनों देशों के बीच किसी तरह के प्रतिनिधि, व्यापार या सांस्कृतिक आदान-प्रदान के कार्यक्रम नहीं थे। उस समय उनके लिए सबसे बड़ी चुनौती थी स्थानीय भाषा सीखना लेकिन वह पीछे नहीं हटे। उनका सीधा सा फंडा है- सक्रिय रहो और अपने लक्ष्य के लिए तब तक जुटे रहो, जब तक कि वह हासिल न हो जाए।