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NIAASC सम्मेलन में वक्ताओं ने उम्र से जुड़ी गलतफहमियों को दूर किया

NIAASC के सम्मेलन का विषय था: 'बुढ़ापे को सशक्त बनाना'। इसमें वक्ताओं ने उम्र बढ़ने और इसके प्रभावों से संबंधित बहुत सारी आशंकाओं / गलतफहमियों को दूर कर दिया। एनआईएएएससी के संस्थापक और अध्यक्ष राजेश्वर प्रसाद ने साझेदारी और सहयोग को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर विस्तार से बात की।

NIAASC ने 18 नवंबर को फ्लोरिडा के टावारेस शहर में अपना 34वां सम्मेलन आयोजित किया। फोटो : NIAASC

नेशनल इंडो-अमेरिकन फॉर सिनियर सिटिजन (NIAASC) ने पिछले महीने 18 नवंबर को फ्लोरिडा के टावारेस शहर में अपना 34वां सम्मेलन आयोजित किया। कार्यक्रम शांतिनिकेतन -3, टावर, फ्लोरिडा के सहयोग से आयोजित किया गया था। इस कार्यक्रम में 100 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया। यह एनआईएएएससी का वार्षिक कार्यक्रम था।

सम्मेलन में वरिष्ठ नागरिकों के जीवन को बेहतर बनाने पर चर्चा की गई।

सम्मेलन की शुरुआत आचार्य प्रयागराज द्वारा दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुआ। इसके बाद शांतिनिकेतन-3 (सलाहकार समिति) के योगेश नाइक और चंद्रकांत शाह (NIAASC सम्मेलन समन्वयक) ने अपने उद्घाटन भाषण में सभी प्रतिभागियों और अतिथियों का स्वागत किया। इसके बाद चर्चा शुरू हुई। वक्ताओं ने उम्र बढ़ने और इसके प्रभावों से संबंधित बहुत सारी आशंकाओं / गलतफहमियों को दूर कर दिया।

सम्मेलन का विषय था: 'बुढ़ापे को सशक्त बनाना'।

सम्मेलन में कई प्रसिद्ध पेशेवर उपस्थित थे और विभिन्न विषयों पर उन्होंने चर्चा की। सम्मेलन का विषय था: 'बुढ़ापे को सशक्त बनाना'। वक्ताओं में से एक एलिसिया रामिरेज एएआरपी से एक रिटायर्ड पेशेवर हैं। उन्होंने अपने भाषण में चेतावनी दी कि AI तकनीक का उपयोग वरिष्ठ नागरिकों को धोखा देने के लिए किया जा रहा है। उन्होंने सलाह दी कि वरिष्ठों को इस मसले पर जागरूक होने की आवश्यकता है।

सम्मेलन में कई प्रसिद्ध पेशेवर उपस्थित थे और विभिन्न विषयों पर उन्होंने चर्चा की।

वहीं, बलदेव सीकरी 'मीनिंगफुल एजिंग' के लेखक हैं। उनके भाषण में मुख्य विषयों में से एक यह था कि माइंडसेट उम्र बढ़ने को कैसे सार्थक बना सकता है। श्रीनिवास राव एक जैव-चिकित्सा वैज्ञानिक हैं। उन्होंने भोजन और पोषण पर कई लेख लिखे हैं। उन्होंने अपने संबोधन में पोषण के माध्यम से रिवर्स एजिंग पर प्रकाश डाला।

अपने स्वागत भाषण में एनआईएएएससी अध्यक्ष गुंजन रस्तोगी ने सभी प्रतिभागियों का अभिवादन किया और विस्तृत कार्यक्रम के बारे में बात की। इसके बाद अपने समापन भाषण में उन्होंने सदस्यों को संगठन के प्रति अपनी अटूट प्रतिबद्धता का आश्वासन दिया और दोहराया कि वरिष्ठों की मदद करने के लिए संगठन के मिशन को मजबूत करना जारी रहेगा।

इसके बाद एनआईएएएससी के संस्थापक और अध्यक्ष राजेश्वर प्रसाद ने साझेदारी और सहयोग को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर विस्तार से बात की, ताकि वरिष्ठ नागरिकों के लिए राष्ट्रव्यापी कार्यशालाओं की एक श्रृंखला आयोजित करने का मार्ग सुगम बनाया जा सके।

सम्मेलन को विभिन्न प्रायोजकों ने वित्तीय रूप से सपोर्ट किया था। 51.00 से 10,000.00 तक दान दिया गया था। प्रमुख प्रायोजक शिकागो से संतोष कुमार हैं। उन्हें 'शिकागो की मदर टेरेसा' के रूप में भी जाना जाता है। इंडिया होम (एनवाई) ने भोजन का इंतजाम किया था। सांस्कृतिक कार्यक्रम तारा अशोक द्वारा पेश किया गया और दर्शकों को पूरी तरह से मंत्रमुग्ध कर दिया। एनआईएएएससी 1999 से विभिन्न सेवाओं के माध्यम से वरिष्ठ नागरिकों को सहायता प्रदान कर रहा है।

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