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भारत सरकार पर आईफोन जासूसी का आरोप क्यों लगा रहे बड़े-बड़े नेता?

भारत में विपक्षी राजनीतिक दलों के कई प्रमुख नेताओं, पत्रकारों ने अपने आईफोन हैक करने का प्रयास किए जाने का दावा किया है। इन नेताओं ने कहा है कि उन्हें एप्पल से अलर्ट मैसेज मिले हैं कि उनके आईफोन 'सरकार समर्थित अटैकर्स' के निशाने पर हैं।

शशि थरूर, प्रियंका चतुर्वेदी, असदुद्दीन औवेसी समेत कई नेताओं ने आईफोन अलर्ट मिलने का दावा किया है।

भारत में एक बार फिर से फोन की जासूसी का जिन्न उठ खड़ा हुआ है। राजनीतिक दलों के कई प्रमुख नेताओं, पत्रकारों और संस्थाओं के प्रमुखों ने उनके आईफोन हैक करने का प्रयास किए जाने का दावा किया है। इन नेताओं ने सोशल मीडिया पर कहा है कि उन्हें एप्पल की तरफ से अलर्ट मैसेज मिले हैं, जिनमें कहा गया है कि उनके आईफोन 'सरकार समर्थित अटैकर्स' के निशाने पर हैं।

ये पहली बार नहीं है, जब भारत में बड़े नेताओं, पत्रकारों और अन्य प्रमुख लोगों के फोन हैक करने को लेकर विवाद हुआ है। इससे पहले 2019 और 2021 में भी इजराइल के मिलिट्री ग्रेड स्पाई सॉफ्टवेयर पेगासस का सरकारी एजेंसियों द्वारा इस्तेमाल किए जाने के आरोप लगे थे। यह मामला भारत के सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा था। अदालत में भारत सरकार की तरफ पेगासस के इस्तेमाल से सीधे तौर पर इनकार नहीं किया गया था।

एप्पल के आईफोन को दुनिया के सबसे सुरक्षित फोन में से एक माना जाता है। इसका सिस्टम इतना मजबूत है कि फोन में सेंध लगाना लगभग नामुमकिन है। आए दिन हैकर्स की तरफ से आईफोन के सॉफ्टवेयर में कमियां खोजकर उसमें घुसपैठ करने के प्रयासों की खबरें आती हैं, लेकिन उनके हाथ निराशा ही लगती है। यही वजह है कि निजी गोपनीयता को तवज्जो देने वाले भारतीयों समेत दुनिया भर में बड़े-बड़े लोग आईफोन रखना पसंद करते हैं।

बहरहाल, ताजा मामले की बात करें तो भारत में कई प्रमुख राजनीतिक दलों के नेताओं ने सोशल मीडिया पर दावा किया है कि उन्हें एप्पल की तरफ से उनके फोन हैक करने की कोशिश को लेकर आगाह किया गया है। ऐसे नेताओं और पत्रकारों की लिस्ट काफी लंबी है। इनमें कांग्रेस सांसद शशि थरूर, केसी वेणुगोपाल, समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव, तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा, शिवसेना उद्धव गुट की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी, आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सदस्य राघव चड्ढा, AIMIM सांसद असदुद्दीन औवैसी, एनसीपी नेता सुप्रिया सुले, सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी, कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा शामिल हैं।

इनके अलावा ये भी दावा किया जा रहा है कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के कार्यालय के भी कई लोगों को ऐसे मैसेज मिले हैं। यही नहीं, प्रमुख मीडियाकर्मी जैसे द वायर के संस्थापक संपादक सिद्धार्थ वरदराजन, डेक्कन क्रॉनिकल के श्रीराम कार्री, ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन के अध्यक्ष समीर शरण आदि ने भी एप्पल से अलर्ट मिलने का दावा किया है।

इस पूरे प्रकरण में चौंकाने वाली बात ये है कि एप्पल की तरफ से जो अलर्ट इन यूजर्स को भेजे गए हैं, उसमें सरकार समर्थित अटैकर्स द्वारा इनके फोन को निशाना बनाए जाने के प्रयास करने की बात कही गई है। ये भी कहा गया है कि बहुत मुमकिन है कि आपकी हैसियत या आप जो करते हैं, उसके वजह से खासतौर से आपको टारगेट किया जा रहा हो।

अलर्ट मैसेज में ये भी कहा गया है कि अगर आपको फोन हैक हो गया होगा तो मुमकिन है कि हैकर आपके संवेदनशील डाटा, बातचीत और यहां तक कैमरा और माइक्रोफोन का भी इस्तेमाल कर सकता है। आखिर में मैसेज में लिखा है कि हो सकता है कि ये सब फाल्स अलार्म यानी गलतफहमी हो, लेकिन इस चेतावनी को गंभीरता से लें।

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