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वाह: MITHAS की वर्षगांठ पर लाइव प्रस्तुति देंगे नामी गायक राशिद खान

MIT के प्रोफेसर जॉर्ज रूकर्ट द्वारा स्थापित MITHAS ने इस तरह के 300 से अधिक संगीत कार्यक्रमों की मेजबानी की है। इनमें हिंदुस्तानी संगीत से लेकर कर्नाटक संगीत, शास्त्रीय नृत्य आदि जैसे कार्यक्रम भी आयोजित किए गए हैं।

MIT हेरिटेज आर्ट्स ऑफ साउथ एशिया यानी MITHAS 25 जून को अपनी 30 वर्षगांठ पर प्रसिद्ध भारतीय शास्त्रीय गायक उस्ताद राशिद खान और अरमान खान को उनकी मंडली के साथ आमंत्रित कर रहा है। MITHAS का यह कार्यक्रम MIT क्रेसगे ऑडिटोरियम में आयोजित किया जाएगा जहां  दोनों ही गायक लाइव प्रस्तुति देंगे। बता दें कि MITHAS एक स्वयंसेवकों द्वारा संचालित संगठन है जो शास्त्रीय संगीत और नृत्य संगीत कार्यक्रमों की मेजबानी करता है।

MITHAS द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार इस इवेंट की टिकट Sulekha.com के इस लिंक https://tinyurl.com/365ua3pf से खरीदी जा सकती हैं। MIT के प्रोफेसर जॉर्ज रूकर्ट द्वारा स्थापित MITHAS ने इस तरह के 300 से अधिक संगीत कार्यक्रमों की मेजबानी की है। इनमें हिंदुस्तानी संगीत से लेकर कर्नाटक संगीत, शास्त्रीय नृत्य आदि जैसे कार्यक्रम भी आयोजित किए गए हैं।

जॉर्ज रूकर्ट और अनुराधा पलकुर्ती।

MITHAS की अध्यक्षा अनुराधा पलकुर्ती बताती हैं कि MITHAS ने अपनी 30 वर्षगांठ के अवसर पर न केवल साउथ एशियाई संगीत की सुंदरता का जश्न मनाने का फैसला किया है बल्कि इस मौके पर स्वयंसेवकों के योगदान को भी सराहा जाएगा जो इस संगठन के दिल में बसे हैं। संगठन के सफल कार्यक्रमों का श्रेय स्वयंसेवकों को जाता है जिन्होंने कलाकारों की मेजबानी करने से लेकर परिवहन की व्यवस्था करने, मंच की स्थापना करने, संगीत कार्यक्रमों को सुचारू संचालन करने जैसे काम सुनिश्चित किए हैं और MITHAS का संचालन किया है।

वह बताती हैं कि 25 जून को उस्ताद राशिद खान का कार्यक्रम इसलिए भी विशेष है क्योंकि साल 1993 में MITHAS की स्थापना के अवसर पर भी उन्होंने ही पहला कार्यक्रम किया था। उस्ताद राशिद खान एक प्रसिद्ध भारतीय शास्त्रीय गायक हैं। उनका जन्म 1 जुलाई 1966 में भारत के राज्य उत्तरप्रदेश के बदायूं में हुआ था। वह संगीतकारों के ही परिवार से थे। वह हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत के वंश रामपुर-सहसवान घराने से ताल्लुक रखते हैं। उन्होंने अपने दादा उस्ताद गुलाम मुस्तफा खान से ही संगीत की प्रारंभिक शिक्षा ली और बाद में चाचा उस्ताद निसार हुसैन खान के मार्गदर्शन में अपना प्रशिक्षण जारी रखा। उन्होंने अपने पिता उस्ताद शराफत हुसैन खान और अपने चाचा उस्ताद नासिर अमीनुद्दीन डागर से भी बहुत कुछ सीखा। खान ने 11 साल की उम्र में एक पेशेवर गायक के रूप में अपनी शुरुआत की थी और तब से ही वह भारत और दुनिया भर में बड़े पैमाने पर प्रदर्शन कर रहे हैं।

इन वर्षों में खान को भारतीय शास्त्रीय संगीत में उनके योगदान के लिए कई सम्मान और पुरस्कार मिले हैं। उन्हें भारत के सर्वोच्च सम्मानों में से एक पद्म श्री और संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार जैसे प्रतिष्ठित खिताबों से सम्मानित किया गया है। उन्होंने कई भी एल्बम रिकॉर्ड किए हैं और विभिन्न शैलियों के कलाकारों के साथ काम किया है। वह आज भी भारतीय शास्त्रीय संगीत की दुनिया में एक प्रतिष्ठित शख्सियत के रूप में मौजूद हैं।

संगठन ने बताया कि उस्ताद खान उन शीर्ष कलाकारों की श्रेणी में शामिल हो गए हैं जिनकी मेजबानी करने का गौरव MITHAS को मिला है। MITHAS को पंडित जसराज, उस्ताद अली अकबर खान, उस्ताद जाकिर हुसैन, विदवान टीएन शेषगोपालन, विदवान टीएम कृष्णा, उस्ताद निशात खान, विदवान चित्रवीना रविकिरण, विदुषी वीणा सहरबुद्धे, उस्ताद उल्हास कशालकर, पंडित हरि प्रसाद चौरसिया और पंडित बुद्धदेव दास गुप्ता जैसे बड़े नामों की मेजबानी करने का अवसर मिला है।

MITHAS ने पंडित चित्रेश दास (कथक), विदुषी प्रियदर्शिनी गोविंद (भरतनाट्यम), पंडित बिरजू महाराज (कथक), विदुषी अलरमेल वल्ली (भरतनाट्यम), विदवान सदनम बालकृष्णन (कथकली), और विदुषी राम वैद्यनाथन (भरतनाट्यम) जैसे नृत्य दिग्गजों को भी प्रदर्शित किया है। संगीत कार्यक्रमों के अलावा MITHAS मास्टर कक्षाओं और व्याख्यान प्रदर्शनों का भी आयोजन करता है जिससे छात्रों को बोस्टन में इन कला रूपों के स्वामी से सीखने का अवसर मिलता है।

बता दें कि स्वयंसेवकों द्वारा संचालित MITHAS ने 300 से अधिक शास्त्रीय संगीत और नृत्य संगीत कार्यक्रमों की मेजबानी की है। MITHAS का उद्देश्य पर्यावरण को समृद्ध करना है और बच्चों को इस महान विरासत के नियमित संपर्क के लाभों से संपन्न करना है।

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