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विश्व बैंक ने बताया भारत की विकास दर क्यों रहेगी स्थिर, क्या खास कहा?

विश्व बैंक ने अप्रैल की अपनी रिपोर्ट में 2023-24 के लिए भारत की वृद्धि दर के अनुमान को 6.6 प्रतिशत से घटाकर 6.3 प्रतिशत कर दिया था। उस आकलन के पांच महीने बाद मंगलवार को बैंक ने अपडेट (इंडिया डवलपमैंट अपडेट) जारी किया है।

प्रत्यक्ष विदेशी निवेश में भी बढ़ोतरी होने की संभावना है। Image : social media

विश्व बैंक ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए भारत की विकास दर 6.3 पर बरकरार रखी है। इसी के साथ वैश्विक संस्था ने यह भी बताया है कि भारत के सकल घरेलू उत्पाद की विकास दर क्यों स्थिर रही है। बैंक का कहना है कि वैश्विक चुनौतियों के बावजूद भारत ने अपना लचीला रुख जारी रखा, इसीलिए इस वित्त वर्ष के लिए विकास दर स्थिर रहने वाली है।

इससे पहले विश्व बैंक ने अप्रैल की अपनी रिपोर्ट में 2023-24 के लिए भारत की वृद्धि दर के अनुमान को 6.6 प्रतिशत से घटाकर 6.3 प्रतिशत कर दिया था। उस आकलन के पांच महीने बाद मंगलवार को बैंक ने अपडेट (इंडिया डवलपमैंट अपडेट) जारी किया है। इसी अपडेट में विश्व बैंक ने कहा कि भारत की वृद्धि दर जी-20 देशों में दूसरी सबसे अधिक और उभरती बाजार अर्थव्यवस्थाओं के औसत से लगभग दोगुनी है। यह लचीलापन मजबूत घरेलू मांग, मजबूत सार्वजनिक बुनियादी ढांचे के निवेश और मजबूत वित्तीय क्षेत्र से प्रेरित था।

भारत में विश्व बैंक के कंट्री डायरेक्टर ऑगस्टे तानो कौमे ने कहा कि प्रतिकूल वैश्विक माहौल चुनौतियां पेश करता रहेगा। बावजूद इसके सार्वजनिक खर्च का दोहन करने से भारत के लिए भविष्य में वैश्विक अवसरों का लाभ उठाने के लिए अधिक अनुकूल परिस्थितियां पैदा होंगी और इस तरह उच्च विकास हासिल होगा।

सार्वजनिक व्यय के दोहन से निजी निवेश बढ़ेगा और भारत के लिए भविष्य में वैश्विक अवसरों का लाभ उठाने तथा इस तरीके से बेहतर विकास हासिल करने के लिए अधिक अनुकूल परिस्थितियां पैदा होंगी। इससे विकास दर में संतुलन बना रहेगा और स्थिरता कायम रहेगी।

विश्व बैंक ने कहा कि भारत में खराब मौसम के कारण पिछले कुछ महीनों में महंगाई बढ़ी लेकिन अब धीरे-धीरे उसमें कमी आएगी क्योंकि प्रमुख वस्तुओं की आपूर्ति को लेकर सरकार के जारी प्रयास असर दिखाना शुरू कर देंगे। यही नहीं सरकार के संतुलनकारी रवैये के चलते प्रत्यक्ष विदेशी निवेश में भी बढ़ोतरी होने की संभावना है।

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