भारत की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था में विदेश में रहने वाले भारतीय मूल के लोगों का भी अहम योगदान है। यह वर्ल्ड बैंक की ताजा रिपोर्ट से भी जाहिर है, जिसमें कहा गया है कि विदेश से अपने देश में पैसा भेजने (रेमिटेंस) के मामले में भारत दुनिया में नंबर वन पर है।
इस रिपोर्ट में बताया गया है कि विदेश में बसे भारतीयों ने इस साल अनुमानित 125 अरब डॉलर की रकम अपने देश में भेजी है। यह इस बारे में लगाए गए पहले के अनुमान से कहीं ज्यादा है। इसमें अमेरिका के कड़े श्रम बाजार और यूरोप में रोजगार में अच्छी बढ़ोतरी का बड़ा योगदान है।
विश्व बैंक की इस रिपोर्ट में रेमिटेंस को लेकर कई अहम जानकारियां दी गई हैं। बताया गया है कि कम एवं मध्यम आय वाले देशों में रेमिटेंस इस साल 3.8 प्रतिशत बढ़कर 669 अरब डॉलर हो गया है। इसमें विकसित देशों और खाड़ी सहयोग परिषद के सदस्य देशों की बड़ी भूमिका रही है।
सबसे ज्यादा रेमिटेंस प्राप्त करने वाले देशों की लिस्ट में बाकी देश भारत से बहुत पीछे हैं। भारत को जहां 125 अरब डॉलर विदेश से प्राप्त हुए हैं, वहीं उसके बाद मेक्सिको (67 अरब डॉलर), चीन (50 अरब डॉलर), फिलिपींस (40 अरब डॉलर) और इजिप्ट (24 अरब डॉलर) का नंबर हैं। पूरे दक्षिण एशिया की बात करें तो रेमिटेंस में 7.2 प्रतिशत की अच्छी ग्रोथ देखी गई है।
रिपोर्ट में हालांकि अगले साल रेमिटेंस में गिरावट आने का अनुमान लगाया गया है। इसकी वजह वैश्विक आर्थिक हालात को बताया गया है। कहा गया है कि कई उच्च आय वाले देशों में आर्थिक गतिविधियां कमजोर हो सकती हैं, जॉब मार्केट में नरमी आ सकती है, जिसकी वजह से 2024 में रेमिटेंस में 3.1 प्रतिशत की ही बढ़ोतरी होने का अनुमान है।