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छंटनी के दौर में भारतीय आईटी कंपनी विप्रो ने कर्मचारियों को दिया ये अनूठा अधिकार

EWC समझौते के लिए जर्मनी, नीदरलैंड, फ्रांस, स्वीडन और फिनलैंड सहित 13 देशों के कर्मचारी प्रतिनिधियों के साथ बातचीत की गई थी। विप्रो के यूरोप में 30,000 से अधिक कर्मचारी हैं और मेट्रो, टेलीफोनिका जर्मनी और एबीबी इसके प्रमुख ग्राहकों में शामिल हैं।

Photo by Christina @ wocintechchat.com / Unsplash

ट्विटर, मेटा जैसी दिग्गज कंपनियां जहां अपने हजारों कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखा रही हैं, वहीं विप्रो ने कर्मचारियों के हक में बड़ा कदम उठाया है। वह यूरोप में कर्मचारियों को अपनी यूनियन बनाने की अनुमति देने वाली पहली भारतीय आईटी कंपनी बन गई है। कंपनी ने कर्मचारियों के प्रतिनिधियों के साथ यूरोपियन वर्क्स काउंसिल (EWC) बनाने के लिए एक समझौता किया है।

विप्रो ने बताया कि EWC का नेतृत्व यूरोपियन यूनियन और यूरोपियन आर्थिक क्षेत्र से चुने गए या नियुक्त कर्मचारी प्रतिनिधि करेंगे। 

कर्मचारियों ने कामगारों की यूनियन बनाने के लिए वर्ष 2019 में कंपनी से अनुरोध किया था। माना जा रहा है कि यह कदम कर्मचारियों को प्रभावित करने वाले मुद्दों पर रचनात्मक बहस करने के लिए प्रोत्साहित करेगा।

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