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बच्चों के व्यक्तित्व के विकास में परिवार के साथ भोजन इतना अहम क्यों है?

भोजन ऐसे समय में होना चाहिए जब थोड़ी देर के लिए परिवार एक साथ हो। सभी दबाव वाली समस्याओं को एक तरफ रख दिया जाए और पूरी तरह से आराम के माहौल में भोजन किया जाए। एक खुश, सकारात्मक रूप से मिलकर भोजन करने से परिवार में शांति बनी रहती है और घर के बच्चों का विकास भी प्रेमपूर्वक और सही तरीके से होता है।

Photo by National Cancer Institute / Unsplash

हिंदू शास्त्रों में कहा गया है कि आहार शुद्धौ सत्वशुद्धि। मतलब शुद्ध आहार बहुत जरूरी है। लेकिन आहार (भोजन) का अर्थ सिर्फ वही नहीं है जो हम मुंह से खाते हैं। इसमें देखना, सुनना, आसपास का वातावरण और विचार भी शामिल है। इसलिए भोजन का हमारे जीवन में बहुत ही महत्व है।

baby sitting on white chair while smiling at the camera
भोजन अप्रत्यक्ष रूप से व्यक्तित्व बनाने में भी मदद करता है। Photo by kazuend / Unsplash

भोजन शरीर के लिए पोषक तत्व है और हमारे जीवन में एक प्रमुख भूमिका निभाता है। इसलिए भोजन का न केवल एक स्वस्थ शरीर बनाने में रोल है, बल्कि अप्रत्यक्ष रूप से यह व्यक्तित्व बनाने में मदद करता है। इसलिए भोजन और भोजन करने के तरीके के बारे में विचार करना जरूरी है। क्योंकि एक नवजात के तौर पर हमारे पहले भोजन से ही, व्यक्तित्व बनने की प्रक्रिया शुरू हो जाती हैं। तो इसके लिए बात सिर्फ क्या खा रहे हैं, यही नहीं है। एक सुरक्षित वातावरण में शांत, प्रेमपूर्ण तरीके से सही भोजन और साथ मिलकर भोजन करना भी महत्वपूर्ण है।

भोजन के साथ आसपास का वातावरण, माहौल भी शुद्ध होना चाहिए। लेकिन दुर्भाग्य से यह हमेशा संभव नहीं होता है, क्योंकि माता-पिता स्वाभाविक रूप से कई जिम्मेदारियों से बंधे रहते हैं। आज के काम के दबावों की दुनिया में एक शांत, कुशल तरीके से भोजन तैयार करने और व्यवस्थित करने के लिए समय निकालना मुश्किल है। इसका असर बच्चों के व्यक्तित्व पर पड़ता है। बाद में बच्चे का भी जीवन अव्यवस्थित हो सकता है। उसकी सोच एकांगी हो सकती है।

इसलिए इन बातों पर ध्यान देना बहुत जरूरी है। सबसे पहले भोजन ऐसे समय में होना चाहिए जब थोड़ी देर के लिए परिवार एक साथ हो। सभी दबाव वाली समस्याओं को एक तरफ रख दिया जाए और पूरी तरह से आराम के माहौल में भोजन किया जाए। इस तरह पाचन तंत्र सहज होकर काम करता है और मन और शरीर दोनों में सुखद संतोष रहता है। इसलिए एक खुश, सकारात्मक रूप से मिलकर भोजन करने से परिवार में शांति बनी रहती है और घर के बच्चों का विकास भी प्रेमपूर्वक और सही तरीके से होता है।

लेकिन कुछ लोगों के लिए ऐसा प्रबंध करना बहुत मुश्किल हो सकता है। चिंताओं को एक तरफ रखना हमेशा आसान नहीं होता है, यहां तक कि कुछ क्षणों के लिए भी नहीं। हम उन्हें पकड़ लेते हैं और यह सोचने से इनकार कर देते हैं कि हम ऐसा कर रहे हैं। फिर भी अगर हम परिवार में शांति और घर के बच्चे को विकसित करने के लिए सबसे अच्छी स्थिति प्रदान करना चाहते हैं, तो हमें एक हास्य और आनंद से भरा वातावरण प्रदान करना ही होगा। परिवार और बच्चों के कल्याण पर पहले विचार किया जाना चाहिए।

भोजन के समय एक-दूसरे को खुशी की स्थिति में तारीफ करना सकारात्मक नींव रखने में एक अच्छी शुरुआत हो सकती है। एक खुश स्वभाव दूसरों में एक समान प्रतिक्रिया लाता है। उचित भोजन के साथ सही खाने की आदतें, बच्चों के शांत और प्रेम से भरे व्यक्तित्व का निर्माण कर सकती हैं।
बचपन में भोजन के दौरान बच्चों द्वारा प्राप्त नकारात्मक विचार ओर दृश्यों से बच्चे का जीवन प्रभावित हो सकता है। उसका स्वभाव नकारात्मक हो सकता है। जो उसके व्यक्तित्व को नुकसान पहुंचा सकते हैं।

बाद में ये समस्याएं पैदा कर सकती हैं। ऐसी समस्याओं से बचने के लिए एक माध्यम के रूप में भोजन के महत्व को पहचानना जरूरी है जो हमारे विकास को प्रभावित करता है। एक सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ सही भोजन और उनके लाभकारी असर की जांच करें। उन्हें परिवार के साथ प्रेमपूर्वक ग्रहण करने का तरीका जानें। इसी में परिवार का हित है।

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