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गैर बासमती चावल के निर्यात पर भारत के बैन से हलचल, IMF ने क्या कहा?

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के मुख्य अर्थशास्त्री पियरे-ओलिवियर गौरींचस ने कहा कि मौजूदा स्थिति में भारत की तरफ से लगाए गए निर्यात प्रतिबंधों से बाकी दुनिया में खाद्य कीमतों में अस्थिरता पैदा होने की आशंका है। हो सकता है कि बाकी देश भी बदले में कोई कार्रवाई करें।

भारत से अमेरिका को भी चावल निर्यात होता है। Photo by Pierre Bamin / Unsplash

भारत द्वारा गैर-बासमती सफेद चावल के निर्यात पर रोक लगाए जाने से देशों में हलचल मच गई है। अब अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने भारत से चावल के निर्यात पर लगा प्रतिबंध हटाने का आग्रह किया है। आईएमएफ ने इस प्रतिबंध से वैश्विक मुद्रास्फीति पर असर पड़ने की आशंका भी जताई है।

Rice Harvest
भारत ने गैर-बासमती सफेद चावल के निर्यात पर बैन लगा दिया है। Photo by Sandy Ravaloniaina / Unsplash

भारत सरकार ने आगामी त्योहारों के दौरान घरेलू आपूर्ति बढ़ाने और खुदरा कीमतों को काबू में रखने के इरादे से गैर-बासमती सफेद चावल के निर्यात पर 20 जुलाई को प्रतिबंध लगा दिया है। भारत से ये चावल मुख्य रूप से अमेरिका, थाईलैंड, इटली, स्पेन, श्रीलंका आदि देशों को निर्यात किया जाता है।

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के मुख्य अर्थशास्त्री पियरे-ओलिवियर गौरींचस ने कहा कि मौजूदा स्थिति में भारत की तरफ से लगाए गए निर्यात प्रतिबंधों से बाकी दुनिया में खाद्य कीमतों में अस्थिरता पैदा होने की आशंका है। हो सकता है कि बाकी देश भी बदले में कोई कार्रवाई करें। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि इन्हीं बातों को ध्यान में रखते हुए हम भारत को चावल निर्यात पर इस प्रकार से लगाए गए प्रतिबंध को हटाने के लिए प्रोत्साहित करेंगे क्योंकि इससे दुनिया पर नकारात्मक असर पड़ सकता है।

भारतीय खाद्य मंत्रालय ने चावल निर्यात पर प्रतिबंध लगाते हुए एक बयान में कहा था कि यह बैन सिर्फ गैर-बासमती सफेद चावल पर लगाया है। गैर-बासमती उसना चावल और बासमती चावल की निर्यात नीति में कोई बदलाव नहीं किया गया है। कुल निर्यात में इन दोनों किस्मों का हिस्सा बड़ा है। भारत से निर्यात होने वाले कुल चावल में गैर-बासमती सफेद चावल की हिस्सेदारी केवल 25 प्रतिशत ही है।

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