दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत ने वित्त वर्ष 2022-23 के लिए अपना बजट पेश कर दिया है। विपक्षी पार्टियां जहां इस मायूस करने वाला बजट करार दे रही हैं तो वहीं महामारी से जूझ रही भारतीय अर्थव्यवस्था के बीच आए इस बजट को औद्योगिक घरानों ने व्यवहारिक करार दिया है। भारतीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के इस बजट को बॉस्टन स्थित इंडस्ट्री चैम्बर से भी तारीफ मिली है। यूएसए इंडिया चैम्बर ऑफ कॉमर्स (USAIC) ने बजट को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बजट को न केवल प्रभावशाली बल्कि इसे एक दूरदर्शी फैसला बताया है।

पूंजीगत व्यय में वृद्धि मास्टरस्ट्रोक
USAIC ने कहा कि सीतारमण एक बार फिर प्रभावशाली और दूरदर्शी बजट लेकर आई हैं जो कोविड के तीसरी लहर के बीच संतुलित, वित्तीय रूप से विवेकपूर्ण और विकासोन्मुखी है। USAIC के अध्यक्ष करुण ऋषि बजट के कुछ प्रावधानों से निराश जरूर हैं लेकिन उन्हें कई प्रावधान साकारात्मक नजर आए। उन्होंने कहा, ''राजकोषीय घाटा के अनुमान को 6.9 प्रतिशत रखना और पूंजीगत व्यय को 35 प्रतिशत तक बढ़ाने का फैसला मास्टर स्ट्रोक साबित होगा। वार्षिक बजट में प्रभावी पूंजीगत व्यय का अनुमान 10.68 लाख करोड़ रखा गया है, जो जीडीपी का लगभग 4.1 प्रतिशत होता है।''