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भारतीय-अमेरिकियों के हाथों में है शीर्ष कॉरपोरेट्स की कमान, ऐसा क्यों हुआ?

तीन दशक पहले तक हालात बहुत अलग थे। तब कॉरपोरेट अमेरिका के शीर्ष समूह में गिने-चुने भारतीय-अमेरिकी ही हुआ करते थे। यह स्थिति 1990 के दशक के मध्य में बदली थी और इसे अंजाम दिया था राज गुप्ता, रमानी अय्यर, राकेश गंगवाल और संजय मेहरोत्रा ने।

भारत में जन्मे लक्ष्मण नरसिम्हन को कॉफी के कारोबार में दिग्गज कंपनी स्टारबक्स का अगला सीईओ नियुक्त किया गया है। इसी के साथ वह भारतीय-अमेरिकी सीईओ के उस विशेष समूह में शामिल हो गए हैं जो अमेरिकी कॉरपोरेट्स की कमान संभाल रहे हैं और दुनियाभर में उनकी पहुंच व पकड़ को मजबूती के नए आयाम दे रहे हैं।

इस समूह में गूगल और इसकी पैरेंट कंपनी अल्फाबेट का नेतृत्व कर रहे सुंदर पिचाई, माइक्रोसॉफ्ट के सत्या नडेला, आईबीएम के अरविंद कृष्णा, एडोब के शांतनु नारायण, ट्विटर के पराग अग्रवाल, अल्बर्टसंस के विवेक शंकरम, माइक्रॉन टेक्नोलॉजीज के संजय मेहरोत्रा, फेडेक्स के राज सुब्रमण्यम और नेटएप के जॉर्ज कुरियन का नाम शामिल है।

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