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11वीं HLTFI के लिए UAE की दो दिवसीय यात्रा पर होंगे पीयूष गोयल

इस मौके पर दोनों देशों के बीच सीमा पार लेनदेन की सुविधा के लिए नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया की अंतरराष्ट्रीय शाखा NPCI इंटरनेशनल पेमेंट्स लिमिटेड अबू धाबी में अल एतिहाद पेमेंट्स के साथ एक समझौता करेगी।

11वें इंडिया-युएई हाई लेवल टास्क फोर्स ऑन इन्वेस्टमेंट्स (HLTFI) की सह-अध्यक्षता के लिए भारत सरकार के केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल 5-6 अक्टूबर को संयुक्त अरब अमीरात का दौरा करेंगे। वह संयुक्त अरब अमीरात में अबू धाबी इनवेस्टमेंट अथॉरिटी के मैनेजिंग डायरेक्टर शेख हमीद बिन जायद अल नाहयान के नेतृत्व में यूएई प्रतिनिधिमंडल के साथ मुलाकात करेंगे।

मिली जानकारी के अनुसार इस दौरे में भारत और यूएई के बीच एक अहम समझौता होने जा रहा है। इस मौके पर दोनों देशों के बीच सीमा पार लेनदेन की सुविधा के लिए नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया की अंतरराष्ट्रीय शाखा NPCI इंटरनेशनल पेमेंट्स लिमिटेड अबू धाबी में अल एतिहाद पेमेंट्स के साथ एक समझौता करेगी।

भारत सरकार द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल इस दौरे के दौरान उद्योग जगत के प्रतिनिधियों के साथ भी मुलाकात करेंगे। इस दौरे में दोनों प्रतिनिधिमंडल भारत में संयुक्त अरब अमीरात की कंपनियों द्वारा किए गए मौजूदा निवेश और संयुक्त अरब अमीरात में भारतीय कंपनियों द्वारा किए गए निवेश दोनों से संबंधित मुद्दों व चुनौतियों पर चर्चा करेंगे।

यात्रा के दौरान होने वाली बैठकों में संयुक्त कार्य बल के अब तक के किए गए कार्यों से आए परिणामों की भी समीक्षा की जाएगी। दोनों पक्ष आर्थिक विकास को बल देने के लिए पारस्परिक हित के क्षेत्रों में निवेश की संभावनाओं पर भी बातचीत करेंगे।

दो दिवसीय यात्रा के दौरान मंत्री गोयल भारत-यूएई संबंधों को मजबूत करने के लिए सामान्य व्यापार, निवेश मामलों और सहयोग के क्षेत्रों को बढ़ाने के लिए द्विपक्षीय बैठकें भी करेंगे।

आपको बता दें कि दोनों देशों के बीच संयुक्त कार्य बल यानी ज्वाइंट टास्क फोर्स की स्थापना साल 2013 में व्यापार, निवेश और आर्थिक संबंधों को बढ़ावा देने के लिए एक प्रमुख मंच के रूप में की गई थी। सरकार द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार पिछले कुछ वर्षों में HLTFI उन प्रमुख बाधाओं को दूर करने के लिए एक प्रभावी मंच के रूप में उभरा है जिनका सामना दोनों तरफ की कंपनियों को करना पड़ सकता है। यह बैठक भारत-यूएई व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौते (CEPA) पर हस्ताक्षर के एक साल पूरे होने के बाद पहली बार होगी।

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