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Google को भारत में लगा तगड़ा झटका, 30 दिन में चुकाने होंगे 1337 करोड़

NCLAT ने कहा कि स्मार्टफोन कंपनियों को गूगल अपने 11 ऐप्स प्री-इंस्टॉल करने के लिए कहती है जो अनुचित कारोबारी तरीका है। इसके अलावा गूगल कंपनियों को अपना खुद का एंड्रॉयड वर्जन तैयार करने से भी रोकती है।

Photo by Arkan Perdana / Unsplash

अमेरिका की दिग्गज टेक कंपनी गूगल को भारत में तगड़ा झटका लगा है। नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल ने भारत में निष्पक्ष कारोबार के नियामक भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) के उस आदेश को बरकरार रखा है, जिसमें गूगल पर 1,337 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया था। बड़ी बात ये है कि गूगल को ये मोटी रकम चुकाने के लिए महज 30 दिनों का वक्त दिया गया है।

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Photo by Benjamin Dada / Unsplash

भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग ने गूगल पर पिछले साल 20 अक्टूबर को Android उपकरणों में अपनी तकनीक के वर्चस्व का दुरुपयोग करने के आरोप में 1,337.76 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था। गूगल ने राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण (NCLAT) के समक्ष इस फैसले को चुनौती दी थी जो CCI द्वारा पारित आदेशों का अपीलीय प्राधिकरण है।

गूगल ने सीसीआई पर फैसला देने पक्षपात का आरोप लगाया था, जिसे ट्रिब्यूनल ने खारिज कर दिया। एनसीएलएटी ने कहा कि स्मार्टफोन कंपनियों को गूगल अपने 11 ऐप्स प्री-इंस्टॉल करने के लिए कहती है जो अनुचित कारोबारी तरीका है। इसके अलावा गूगल कंपनियों को अपना खुद का एंड्रॉयड वर्जन तैयार करने से भी रोकती है।

एनसीएलएटी ने सुनवाई के बाद बुधवार को दिए अपने फैसले में गूगल की याचिका खारिज कर दी और कहा कि सीसीआई द्वारा की गई जांच में नैसर्गिक न्याय के सिद्धांत का कोई उल्लंघन नहीं हुआ है। हालांकि एनसीएलएटी के चेयरपर्सन न्यायमूर्ति अशोक भूषण और सदस्य आलोक श्रीवास्तव की बेंच ने सीसीआई के आदेश में कुछ संशोधन भी किये हैं।

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