Skip to content

आयकर विभाग ने NRIs से मांगा निवेश का हिसाब, जानें कैसे दें जवाब

आयकर विभाग की तरफ से बड़ी संख्या में एनआरआई लोगों को जारी नोटिस में महंगे लेन-देन जैसे अचल संपत्ति की खरीद, प्रतिभूतियों या जमा में निवेश और यहां तक ​​कि भारत से बाहर पैसे भेजने पर जानकारी मांगी गई है।

भारत सरकार के आयकर विभाग ने बड़ी संख्या में एनआरआई को नोटिस जारी किए हैं।Photo by The New York Public Library / Unsplash

विदेश में रहने वाले अनिवासी भारतीयों (NRI) को भारत सरकार के आयकर विभाग की तरफ से बड़ी संख्या में नोटिस जारी किए गए हैं। इनमें संयुक्त अरब अमीरात में रहने वाले एनआरआई की संख्या ज्यादा है। इन नोटिस में महंगे लेन-देन जैसे अचल संपत्ति की खरीद, प्रतिभूतियों या जमा में निवेश और यहां तक ​​कि भारत से बाहर पैसे  भेजने पर जानकारी मांगी गई है।

Brainstorming over paper
ये नोटिस संपत्ति के पुनर्मूल्यांकन के लिए आयकर अधिनियम की धारा 148/148ए के तहत जारी किए गए हैं। Photo by Scott Graham / Unsplash

खबरों के अनुसार ये नोटिस संपत्ति के पुनर्मूल्यांकन के लिए आयकर अधिनियम की धारा 148/148ए के तहत जारी किए गए हैं। कई नोटिस में एनआरआई लोगों से भारत में उनके विदेशी मुद्रा अनिवासी (FCNR) खातों से संबंधित विवरण भी मांगे गए हैं। इसे लेकर एनआरआई हैरान हैं। ये खाते विदेशी मुद्रा जमा करने के लिए खोले जाते हैं। इनमें जमा रकम पर ब्याज आयकर से मुक्त होती है और जमा धनराशि को देश में भेजने की भी छूट मिलती है।

आयकर विभाग की तरफ से एनआरआई लोगों को इतनी बड़ी संख्या में नोटिस जारी करने के पीछे की वजह स्पष्ट करते हुए टैक्स एक्सपर्ट्स बताते हैं कि जब किसी एनआरआई के खाते में अचानक भारी मात्रा में विदेशी मुद्रा जमा होती है तो आयकर विभाग उसके स्रोत के बारे में पूछताछ करता है। यही कारण है कि इतने सारे नोटिस जारी किए गए हैं।

एक अन्य एक्सपर्ट ने बताया कि कई एनआरआई भारत में अच्छी खासी मात्रा में करमुक्त आय अर्जित करते हैं और टैक्स रिटर्न भी दाखिल नहीं करते। ऐसे में केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड का जोखिम प्रबंधन सिस्टम उन्हें फ्लैग करके नोटिस जारी कर देता है। इस नोटिस का तात्पर्य ये होता है कि इन लोगों की आय टैक्स जांच से बच गई है जिस पर ध्यान देना जरूरी है।

अब ये भी जान लीजिए कि अगर किसी एनआरआई को आयकर विभाग की तरफ से ऐसा नोटिस मिलता है तो उसे क्या करना चाहिए। एक्सपर्ट के अनुसार धारा 148ए के तहत असेसमेंट को फिर से खोलने का नोटिस मिलने के बाद सबसे पहले देखें कि विभाग ने किस बात को आधार बनाकर ये नोटिस भेजा है। अगर नोटिस में उसकी डिटेल संलग्न नहीं तो विभाग से उसे मांगें।

जानकार बताते हैं कि नोटिस में यह भी देखें कि क्या नोटिस एसेसमेंट इयर खत्म होने के 3 वर्ष के बाद तो जारी नहीं हुआ है। यदि आय में प्रस्तावित वृद्धि 50 लाख रुपये से अधिक है, तो जांचें कि क्या यह उस निर्धारण वर्ष के खत्म होने से 10 वर्ष के अंदर भेजा गया है या नहीं। यह भी देखने की बात है कि इस तरह का नोटिस भेजने के लिए उच्च अधिकारियों से मंजूरी ली गई है या नहीं। इन्हीं पहलुओं को ध्यान में रखते हुए नोटिस का जवाब देना चाहिए।

#nriitnotice #nriincome #nritax #IndianDiaspora #Diaspora #Indian #NewIndiaAbroad #IndiaAbroad

Comments

Latest