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आईफोन बनाने में चीन की बादशाहत होगी खत्म, भारत में बनेगा नया प्लांट

ऐप्पल का पार्टनर फॉक्सकॉन टेक्नोलॉजी ग्रुप भारत में नया प्लांट लगाने की योजना बना रहा है जिसके लिए वह लगभग 700 मिलियन डॉलर यानी 576 करोड़ रुपये का निवेश करेगा। यह भारत में फॉक्सकॉन का अब तक का सबसे बड़ा निवेश होगा।

फॉक्सकॉन भारत में आईफोन बनाने का प्लांट लगाने जा रही है। Photo by Daniel Romero / Unsplash

आईफोन बनाने में चीन की बादशाहत खतरे में है। मीडिया खबरों पर यकीन करें तो आईफोन बनाने वाली सबसे बड़ी कंपनी फॉक्सकॉन अब भारत के बेंगलुरू में अपना विशालकाय प्लांट लगाने जा रही है। कर्नाटक के मुख्यमंत्री बासवराज बोम्मई ने कहा है कि ऐप्पल के फोन अब बेंगलुरू में बनेंगे। इससे एक लाख से अधिक नौकरियां पैदा होंगी।

रिपोर्ट्स के अनुसार ऐप्पल का पार्टनर फॉक्सकॉन टेक्नोलॉजी ग्रुप भारत में नया प्लांट लगाने की योजना बना रहा है जिसके लिए वह लगभग 700 मिलियन डॉलर यानी 576 करोड़ रुपये का निवेश करेगा। यह भारत में फॉक्सकॉन का अब तक का सबसे बड़ा निवेश होगा। रिपोर्ट में मामले की जानकारी रखने वाले लोगों के हवाले से दावा किया गया है कि फॉक्सकॉन का यह प्लांट बेंगलुरु एयरपोर्ट के पास 300 एकड़ जमीन पर बनेगा। यहां पर आईफोन के पार्ट्स बनाए जाएंगे। इसके अलावा ऐप्पल के हैंडसेट की असेंबलिंग और इलेक्ट्रिक व्हीकल्स के कुछ हिस्सों के निर्माण भी किया जा सकता है।

भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स व आई़टी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने ट्वीट करके इसे डबल इंजन सरकार के प्रयासों का नतीजा बताया। उन्होंने कहा कि कर्नाटक में 300 एकड़ में फैक्ट्री में ऐप्पल को फोन बनाए जाएंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कर्नाटक के मुख्यमंत्री बासवराज बोम्मई की डबल इंजन की सरकार राज्य में एक ट्रिलियन डॉलर की इकॉनमी बनने और नौकरियां पैदा करने में जुटी हुई है।

कर्नाटक के मुख्यमंत्री बासवराज बोम्मई ने ट्वीट में कहा कि जल्द ही राज्य के अंदर ऐप्पल के फोन बनने लगेंगे। लगभग एक लाख नौकरियां पैदा होंगी। इसके अलावा भी कर्नाटक के लिए बहुत सारे अवसर पैदा होंगे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में भारत को 2025 तक 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने में हम भी योगदान देंगे।

बता दें कि अभी फॉक्सकॉन का सबसे बड़ा प्लांट चीन के झेंगझोऊ में है जहां पर दो लाख कर्मचारी काम करते हैं। अमेरिका और चीन में बढ़ते तनाव के बीच अमेरिकी कंपनियां अब चीन से अपना कुछ कारोबार भारत और वियतनाम जैसे देशों में शिफ्ट करने पर गंभीरता से काम कर रही हैं। फॉक्सकॉन के इस फैसले को भी उसी का नतीजा माना जा सकता है। पिछले साल सितंबर में  वेदांता और फॉक्सकॉन ने गुजरात में सेमीकंडक्टर बनाने का प्लांट लगाने के लिए 1,54,000 करोड़ रुपये के समझौता ज्ञापन (एमओयू) साइन किया था।

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