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क्रिप्टोकरेंसी घोटालों में भारतीय गंवा चुके हैं 1000 करोड़ रुपये की धनराशि

क्लाउडसेक के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर (COO) राहुल सासी ने कहा कि निवेशक अपना ध्यान क्रिप्टोकरेंसी बाजारों की ओर केंद्रित कर रहे हैं। ऐसे में स्कैमर्स और घोटालेबाज भी इस क्षेत्र में सक्रिय हुए हैं। ये फर्जी एक्सचेंज फर्जी डोमेन रजिस्टर कराते हैं जो असली ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म जैसे ही लगते हैं।

Photo by regularguy.eth / Unsplash

साइबर सिक्योरिटी कंपनी क्लाउडसेक (CloudSEK) की ताजा रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि बड़ी संख्या में भारतीय नागरिक क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े घोटालों का शिकार हो चुके हैं। रिपोर्ट के अनुसार अब तक इन घोटालों में भारतीयों को हुआ नुकसान 1000 करोड़ रुपये तक का हो सकता है।

क्लाउडसेक के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर (COO) राहुल सासी ने कहा कि निवेशक अपना ध्यान क्रिप्टोकरेंसी बाजारों की ओर केंद्रित कर रहे हैं। ऐसे में स्कैमर्स और घोटालेबाज भी इस क्षेत्र में सक्रिय हुए हैं। हमारा अनुमान है कि इस तरह के क्रिप्टो घोटालों से करीब 1000 करोड़ की धोखाधड़ी हो चुकी है। कंपनी ने कहा कि फर्जी क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज के खिलाफ हमारे अभियान के हिस्से के रूप में एक कीवर्ड 'कॉइनएग' (CoinEgg)  के साथ कई फिशिंग डोमेन और एंड्रॉयड एप्लीकेशंस सामने आए हैं। इनका इस्तेमाल लोगों को बेवकूफ बनाने के लिए और उनकी जेब काटने के लिए किया जाता था।

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क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) एक डिजिटल मुद्रा है जिसे एक विकेंद्रीकृत व्यवस्था के जरिए प्रबंधित किया जाता है। इसमें हर लेन-देन का वेरिफिकेशन डिजिटल सिग्नेचर से होता है। Photo by FLY:D / Unsplash

बता दें कि क्लाउडसेक ने इस अभियान की शुरुआत तब की थी, जब एक पीड़ित ने उससे संपर्क किया था। इस व्यक्ति ने ऐसे ही एक घोटाले में 50 लाख रुपये खो दिए थे। इसे लेकर कंपनी की ओर से जारी एक विज्ञप्ति में कहा है कि क्रिप्टोकरेंसी घोटालों के खिलाफ हमारा यह अभियान अभी भी जारी है। बयान के अनुसार लोगों को चूना लगाने के लिए फर्जी क्रिप्टो एक्सचेंज का संचालन चरणबद्ध तरीके से किया जाता है। ये फर्जी एक्सचेंज फर्जी डोमेन रजिस्टर कराते हैं जो असली ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म जैसे ही लगते हैं। ये एक्सचेंज प्लेटफॉर्म पीड़ितों को फंसाने के लिए असली एक्सचेंज जैसा डैशबोर्ड बनाते हैं।

बता दें कि क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) एक डिजिटल मुद्रा है जिसे एक विकेंद्रीकृत व्यवस्था के जरिए प्रबंधित किया जाता है। इसमें हर लेन-देन का वेरिफिकेशन डिजिटल सिग्नेचर से होता है। यह ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पर आधारित वर्चुअल करेंसी है। इसे कॉपी करना लगभग असंभव माना जाता है।

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