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भारतीय सेना का वह डॉक्टर जिसने कोरियाई युद्ध में किया था दो लाख घायल सैनिकों का इलाज

भारतीय सेना में कार्यकाल पूरा होने के बाद डॉ. रंगराज विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के साथ काम करने लगे थे। यहां काम करते हुए उन्होंने अफगानिस्तान में स्मालपॉक्स को खत्म करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। दक्षिण कोरिया ने उन्हें मरणोपरांत एक अनोखे सम्मान से नवाजा है।

Photo by British Library / Unsplash

जुलाई 2020 में भारतीय सेना के एक डॉक्टर लेफ्टिनेंट कर्नल डॉ. एजी रंगराज को दक्षिण कोरिया के पैट्रियॉट्स एवं वेटरंस मामलों के मंत्रालय ने मरणोपरांत एक अनोखे सम्मान से नवाजा है। रंगराज को कोरियाई युद्ध के दौरान कोरियाई प्रायद्वीप में एक मेडिकल मिशन का नेतृत्व करने के लिए हीरो ऑफ द मंथ के तौर पर सम्मानित किया गया था। यह युद्ध 25 जून 1950 से 27 जुलाई 1953 तक चला था।

डॉ. रंगराज पहले भारतीय पैराट्रूपर थे।

उन्होंने 60वीं पैराशूट फील्ड एंबुलेंस यूनिट का नेतृत्व किया था, जिसने इस भीषण युद्ध के दौरान दो लाख से अधिक घायल सैनिकों का इलाज किया और 23,000 सर्जरी की थीं। साथ ही गंभीर हालात में अनगिनत लोगों की जिंदगियां भी बचाई थीं। डॉ. रंगराज पहले भारतीय पैराट्रूपर थे। उनकी तस्वीरों को पूरे दक्षिण कोरिया के स्कूलों में गर्व और सम्मान के साथ प्रदर्शित किया गया था जहां उनकी बहादुरी को याद किया गया था।

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