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अर्थजगत में भारत का ऐसे बजेगा डंका, जारी की गई नई विदेश व्यापार नीति

केंद्रीय वाणिज्‍य मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को इसकी विशेषताओं और लक्ष्यों की जानकारी देते हुए बताया कि इसके जरिए भारत के निर्यात को वर्ष 2030 तक 2 ट्रिलियन डॉलर यानी 2000 अरब डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है। नई नीति में प्रोत्साहन के बजाए छूट और पात्रता आधारित व्यवस्था को अपनाने पर जोर है।

भारत के वाणिज्‍य मंत्री पीयूष गोयल (बीच में) विदेश व्यापार नीति जारी करते हुए। फोटो twitter@PiyushGoyal)

भारत सरकार ने विदेश व्यापार नीति-2023 (FTP) पेश कर दी है। केंद्रीय वाणिज्‍य मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को इसकी विशेषताओं और लक्ष्यों की जानकारी देते हुए बताया कि इसके जरिए भारत के निर्यात को वर्ष 2030 तक 2 ट्रिलियन डॉलर यानी 2000 अरब डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है। नई नीति में प्रोत्साहन के बजाए छूट और पात्रता आधारित व्यवस्था को अपनाने पर जोर है। यह नीति एक अप्रैल 2023 से प्रभाव में आएगी।

नई दिल्ली में विदेश व्यापार महानिदेशक (डीजीएफटी) संतोष सारंगी ने एफटीपी 2023 के बारे में जानकारी देते हुए मीडिया को बताया कि अभी तक पंचवर्षीय विदेश व्यापार नीति की घोषणा की जाती रही है लेकिन इस नई नीति की कोई समाप्ति तिथि नहीं है और इसे जरूरत के मुताबिक अपडेट किया जाता रहेगा। डीजीएफटी ने बताया कि चालू वित्त वर्ष की समाप्ति तक भारत का कुल निर्यात 760-770 अरब डॉलर तक रहने का अनुमान है जो 2021-22 में 676 अरब डॉलर था।

पिछली पंचवर्षीय नीति एक अप्रैल 2015 से लागू हुई थी लेकिन कोरोना महामारी फैलने की वजह से इसे कई बार विस्तार दिया गया। आखिरी बार इसे सितंबर 2022 में विस्तार देकर 31 मार्च 2023 तक बढ़ाया गया था। नई एफटीपी का लक्ष्य भारतीय रुपये को वैश्विक मुद्रा बनाने और अंतरराष्ट्रीय व्यापार में घरेलू मुद्रा को बढ़ावा देने का भी है।

नई एफटीपी में निर्यात के लिहाज से उत्कृष्ट शहरों (टीईई) में चार नए शहर फरीदाबाद, मुरादाबाद, मिर्जापुर और वाराणसी को शामिल किया गया है। इस लिस्ट में 39 शहर पहले से हैं। एफटीपी 2023 से ई-वाणिज्य निर्यात को भी बढ़ावा मिलेगा और इसके 2030 तक बढ़कर 200-300 अरब डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है।

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