भारतीय किस तरह से अमेरिकी अर्थव्यवस्था की रीढ़ की हड्डी बने हुए हैं इसका खुलासा हाल ही में हुए एक अध्ययन में हुआ है। नेशनल फाउंडेशन फॉर अमेरिकन पॉलिसी (NFAP) द्वारा मंगलवार, 26 जुलाई को प्रकाशित एक अध्ययन से पता चला है कि "66 कंपनियों के साथ भारत, यूएस बिलियन-डॉलर कंपनियों के मूल अप्रवासी संस्थापकों में अग्रणी देश है।"
बात दें कि इस सूची में सिर्फ उन्ही कंपनियों को शामिल किया गया है जिनकी वैल्यू 1 बिलियन डॉलर या उससे अधिक की है। ऐसी कंपनियों को यूनिकॉर्न कहा जाता है। यूनिकॉर्न की इस लिस्ट में भारत के बाद नंबर आता है इज़राइल का। यहां के अप्रवासी संस्थापकों ने 54 यूनिकॉर्न कंपनियां खड़ी की हैं।