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अमेरिकी अर्थव्यस्था भारतीयों की दम पर दिखा रही है दम, इस अध्ययन में हुआ खुलासा

अध्ययन अमेरिकी अरबों डॉलर के स्टार्टअप के उदय के पीछे अप्रवासियों की महत्वपूर्ण भूमिका को दर्शाता है। यह अध्ययन तर्क देता है कि अप्रवासियों और उनके योगदान के बिना, देश में आधे से भी कम यूनिकॉर्न होंगे।

Photo by Adam / Unsplash

भारतीय किस तरह से अमेरिकी अर्थव्यवस्था की रीढ़ की हड्डी बने हुए हैं इसका खुलासा हाल ही में हुए एक अध्ययन में हुआ है। नेशनल फाउंडेशन फॉर अमेरिकन पॉलिसी (NFAP) द्वारा मंगलवार, 26 जुलाई को प्रकाशित एक अध्ययन से पता चला है कि "66 कंपनियों के साथ भारत, यूएस बिलियन-डॉलर कंपनियों के मूल अप्रवासी संस्थापकों में अग्रणी देश है।"

अध्ययन अमेरिकी अरबों डॉलर के स्टार्टअप के उदय के पीछे अप्रवासियों की महत्वपूर्ण भूमिका को दर्शाता है। Photo by Jason Goodman / Unsplash

बात दें कि इस सूची में सिर्फ उन्ही कंपनियों को शामिल किया गया है जिनकी वैल्यू 1 बिलियन डॉलर या उससे अधिक की है। ऐसी कंपनियों को यूनिकॉर्न कहा जाता है। यूनिकॉर्न की इस लिस्ट में भारत के बाद नंबर आता है इज़राइल का। यहां के अप्रवासी संस्थापकों ने 54 यूनिकॉर्न कंपनियां खड़ी की हैं।

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