भारत सरकार ने चना, दाल और सेब सहित आठ अमेरिकी सामानों पर अतिरिक्त जवाबी शुल्क हटाने का फैसला किया है। यह शुल्क 2019 में स्टील और एल्यूमीनियम सामानों पर अमेरिका द्वारा शुल्क बढ़ाने के जवाब में लगाए गए थे। सरकारी सूत्रों के हवाले से आई खबरों में कहा गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हालिया अमेरिका यात्रा के दौरान दोनों देशों में डब्ल्यूटीओ से जुड़े विवादों को खत्म करने और कुछ अमेरिकी उत्पादों पर जवाबी शुल्क हटाने का फैसला हुआ है।
अमेरिका ने 2018 में राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देते हुए स्टील उत्पादों पर 25 फीसदी और कुछ एल्यूमीनियम उत्पादों पर 10 फीसदी आयात शुल्क लगा दिया था। इसके जवाब में भारत ने जून 2019 में 28 अमेरिकी उत्पादों पर सीमा शुल्क लगा दिया था। अब भारत सरकार ने इन शुल्कों को हटाने का फैसला किया है। अधिकारियों के हवाले से कहा गया है कि इसके बाद इन आठ अमेरिकी उत्पादों पर शुल्क सबसे पसंदीदा देश (एमएफएन) के लिए लागू मौजूदा दरों पर वापस आ जाएंगे। ये टैरिफ 90 दिनों में खत्म हो जाएंगे।
समझौते के तहत भारत चना (10 प्रतिशत), दाल (20 प्रतिशत), ताजा या सूखे बादाम (7 रुपये प्रति किलो), छिलके वाले बादाम (20 रुपये प्रति किलो), अखरोट (20 प्रतिशत), ताजा सेब (20 प्रतिशत), बोरिक एसिड (20 प्रतिशत), और डायग्नोस्टिक रीजेंट्स (20 प्रतिशत) पर लगे अतिरिक्त शुल्क को हटाएगा। बता दें कि अमेरिका भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है। 2022-23 में दोनों देशों का व्यापार बढ़कर 128.8 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया है। इससे पहले 2021-22 में यह 119.5 अरब अमेरिकी डॉलर था।
अमेरिकी सांसदों और उद्योग जगत के नेताओं ने ये शुल्क खत्म करने के लिए भारत के साथ हुए समझौते की घोषणा का स्वागत किया है। डेमोक्रेटिक पार्टी के सांसद केंटवेल ने कहा कि भारत द्वारा जवाबी टैरिफ लगाने से वाशिंगटन के 1,400 से अधिक सेब उत्पादकों के लिए भारतीय बाजार बंद हो गया था। अब उन्हें एक बार फिर से 12 करोड़ डॉलर के इस बाजार तक पहुंच हासिल होगी। गौरतलब है कि भारत सेब के मामले में अमेरिका का दूसरा बड़ा निर्यात बाजार था।
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