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सात साल में पहली बार, शुगर के निर्यात पर प्रतिबंध लगाएगा भारत!

भारत सरकार इससे पहले नॉन-बासमती सफेद चावल और प्याज को लेकर भी प्रतिबंधों का ऐलान कर चुकी है। चावल पर प्रतिबंध का असर अमेरिका तक हो रहा है। अनुमान है कि भारत का चीनी उत्पादन 2023-24 सत्र में पिछले साल के मुकाबले 3.3 फीसदी कम होकर 3.17 करोड़ टन पर आ सकता है।

Photo by Faran Raufi / Unsplash

भारत सरकार अक्टूबर से शुरू होने वाले शुगर सीजन में चीनी के एक्सपोर्ट पर प्रतिबंध लगा सकती है। सरकारी सूत्रों के हवाले से मीडिया में आई खबरों में दावा किया गया है कि भारत के गन्ना उत्पादन क्षेत्रों में सीमित बारिश के कारण गन्ने के उत्पादन पर असर को देखते हुए यह फैसला लिया जा सकता है।

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भारत में चीनी की दाम काबू में रखने के लिए निर्यात पर बैन जैसा कदम उठाया जा सकता है। Photo by Myriam Zilles / Unsplash

अगर भारत ने चीनी निर्यात पर प्रतिबंध लगाया तो 7 साल में यह पहली बार होगा जब भारत ऐसा कदम उठाएगा। सरकार इससे पहले नॉन-बासमती सफेद चावल और प्याज को लेकर भी प्रतिबंधों का ऐलान कर चुकी है। इसकी वजह भी घरेलू कीमतों में बढ़ोतरी रही है। चावल पर प्रतिबंध का असर अमेरिका तक हो रहा है।

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के आंकड़ों के अनुसार इस बार महाराष्ट्र और कर्नाटक के कई क्षेत्रों में बारिश औसत से 50 फीसदी तक कम हुई है। इन दोनों क्षेत्रों से भारत के कुल चीनी उत्पादन का आधा हिस्सा आता है। कम बारिश की वजह गन्ने की फसल कम रहने का अनुमान है। इससे चीनी उत्पादन भी घट सकता है।

केंद्र सरकार फिलहाल महंगाई दर को नियंत्रित रखने की कोशिश कर रही है। चीनी का उत्पादन कम होने की आशंका को देखते हुए फिलहाल सरकार का फोकस घरेलू बाजार में चीनी की सप्लाई बनाए रखने पर है। इसके अलावा सरकार एथेनॉल उत्पादन के अपने लक्ष्य को पाने की भी कोशिश में है।

अनुमान है कि भारत का चीनी उत्पादन 2023-24 सत्र में पिछले साल के मुकाबले 3.3 फीसदी कम होकर 3.17 करोड़ टन पर आ सकता है। सप्लाई पर असर की आशंका के बीच इसी हफ्ते चीनी के भाव पिछले 2 साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच चुके हैं। इसके बाद सरकार ने चीनी मिलों को एक लाख टन चीनी की अतिरिक्त सप्लाई के आदेश दिए हैं।

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