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रूसी राजदूत की दो-टूक, पश्चिमी पाबंदियों के बावजूद भारत से व्यापार नहीं रुकेगा

रूसी राजदूत ने कहा कि व्यापार के आंकड़े दोनों देशों के बीच बढ़ते संबंधों की खुद गवाही देते हैं। भारत के आंकड़े बताते हैं कि 2022 में जनवरी से लेकर अप्रैल दोनों के बीच 6.4 अरब डॉलर का व्यापार हो चुका है। यह पिछले साल इस अंतराल में हुए व्यापार से लगभग तिगुना है।

Photo by Bernd Dittrich / Unsplash

यूक्रेन पर हमला बोलने के बाद रूस के ऊपर अमेरिका समेत तमाम पश्चिमी देशों में कई पाबंदियां लगा रखी हैं। ये पाबंदियां इस इरादे से लगाई गईं ताकि रूस की आक्रामकता को काबू किया जा सके। अब भारत में रूस के राजदूत डेनिस अलीपोव ने कहा है कि इन तमाम पाबंदियों के बावजूद दोनों देशों के रिश्तों में सकारात्मक बदलाव आया है। भारत और रूस के व्यापारिक रिश्ते मजबूत हैं और आगे इनके और मजबूत होने की उम्मीद है।

रूस के राजदूत ने कहा कि नई दिल्ली में दिसंबर 2021 में हुए सालाना द्विपक्षीय सम्मेलन में जो जिन लक्ष्यों की रूपरेखा बनाई गई थी, हम उन पर पूरी तरह कायम हैं।

अलीपोव ने स्पूतनिक न्यूज इंडिया को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि यूक्रेन में रूस की तरफ से स्पेशल मिलिट्री ऑपरेशन शुरू किए जाने के पहले कुछ महीनों में भारत के साथ व्यापार में कुछ बाधाएं आई थीं। लेकिन दोनों देशों ने इन दिक्कतों को सफलतापूर्वक दूर कर लिया है। हमें भरोसा है कि आने वाले समय में इसमें और तेजी आएगी।

रूस के राजदूत ने कहा कि नई  दिल्ली में दिसंबर 2021 में हुए सालाना द्विपक्षीय सम्मेलन में जो जिन लक्ष्यों की रूपरेखा बनाई गई थी, हम उन पर पूरी तरह कायम हैं। उन्होंने कहा कि भारत और रूस की साझेदारी विभिन्न स्तरों पर काम करती है। हम संचार, हीरा प्रसंस्करण, वानिकी, स्वास्थ्य देखभाल, फार्मा, पर्यटन, रेलमार्ग, धातु विज्ञान, नागरिक उड्डयन, जहाज निर्माण और तेल शोधन में सहयोग बढ़ा रहे हैं। सैन्य और सैन्य-तकनीक के क्षेत्र में भी सहयोग मजबूत किया जा रहा है।

रूसी राजदूत ने कहा कि व्यापार के आंकड़े दोनों देशों के बीच बढ़ते संबंधों की खुद गवाही देते हैं। भारत के आंकड़े बताते हैं कि 2022 में जनवरी से लेकर अप्रैल दोनों के बीच 6.4 अरब डॉलर का व्यापार हो चुका है। यह पिछले साल इस अंतराल में हुए व्यापार से लगभग तिगुना है। अगर हम इसी रफ्तार को कायम रखते हैं तो 2022 के आखिर तक 19 अरब डॉलर का कारोबार करने में सक्षम होंगे। अलीपोव ने ये भी कहा कि कई पश्चिमी कंपनियों का रूस से कारोबार समेटना भारत के लिए एक तरह से अच्छा ही रहा है। उससे संभावनाओं के नए द्वार खुले हैं।

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