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'हवाई सेवा की ऊंची उड़ान के लिए भारत को चाहिए 31 हजार पायलट'

बोइंग इंडिया के अध्यक्ष सलिल गुप्ते का कहना है कि बैंकिंग क्षेत्र की स्थिति क्या रहने वाली है, इस बारे में अभी कुछ ठोस कह पाना मुश्किल है लेकिन इस समय यह तो कहा ही जा सकता है कि उड्डयन क्षेत्र में कोई मंदी नहीं आने वाली। दक्षिण एशिया में इसका बाजार अगले 20 साल तक दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ता रहेगा।

Photo by John McArthur / Unsplash

अमेरिकी विमान निर्माता कंपनी बोइंग का मानना है कि भारत को अगले 20 साल में लगभग 31,000 पायलटों और 26,000 मैकेनिकों की जरूरत पड़ सकती है। भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) के एक कार्यक्रम से इतर बोइंग इंडिया के अध्यक्ष सलिल गुप्ते ने यह भी कहा कि दक्षिण एशियाई क्षेत्र का बाजार अगले 20 वर्षों में वैश्विक स्तर पर सबसे तेजी से बढ़ता रहेगा।

गुप्ते ने मीडिया को बताया कि भारत के हवाई यातायात क्षेत्र में विस्तार को देखते हुए बुनियादी ढांचे को मजबूत बनाने पर बहुत ध्यान देना होगा। बुनियादी ढांचे में हवाई अड्डे और पायलट दोनों चीजें शामिल हैं। भारत में भविष्य में जो विमान आएंगे, उनकी देखभाल के लिए उसे अगले 20 वर्षों में 31,000 से अधिक पायलटों और 26,000 मैकेनिकों की आवश्यकता होगी।

उल्लेखनीय है कि टाटा समूह के स्वामित्व वाली एयर इंडिया ने पिछले महीने बोइंग और यूरोप की प्रमुख विमानन कंपनी एयरबस को 470 विमानों का ऑर्डर देने की घोषणा की थी। पिछले साल सितंबर में बोइंग ने अनुमान लगाया था कि 2040 तक भारत की हवाई यातायात में वृद्धि की दर लगभग 7 प्रतिशत रह सकती है। कंपनी ने कहा कि कोविड से उबरने के बाद हवाई यात्रियों की बढ़ती संख्या ने दुनिया को स्तब्ध कर दिया है। नहीं लगता कि अब हवाई यात्रा की वृद्धि पर वित्तीय संकट का कोई प्रभाव पड़ेगा।

बोइंग का कहना है कि बैंकिंग क्षेत्र की स्थिति क्या रहने वाली है, इस बारे में अभी कुछ ठोस कह पाना मुश्किल है लेकिन इस समय यह तो कहा ही जा सकता है कि उड्डयन क्षेत्र में कोई मंदी नहीं आने वाली। बोइंग के लिए नैरो बॉडी एयरक्राफ्ट का भारत में बहुत बड़ा बाजार है। अगले 20 वर्षों में बाजार का करीब 90 प्रतिशत हिस्सा नैरो बॉडी विमानों का होगा।

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