भारत और मलेशिया अब डिजिटल, फिनटेक और सेमीकंडक्टर जैसे नए क्षेत्रों की सहयोग की संभावनाएं तलाश रहे हैं। इस सिलसिले में भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर की मलेशियाई समकक्ष जाम्ब्री अब्दुल कादिर के बीच द्विपक्षीय संयुक्त आयोग बैठक (जेसीएम) आयोजित की गई।
जेसीएम की बैठक 12 साल के बाद हुई है। इससे पहले आखिरी जेसीएम 2011 में कुआलालंपुर में आयोजित की गई थी। बैठक में जयशंकर ने कहा कि यह तंत्र द्विपक्षीय संबंधों को मजबूती प्रदान करने के लिए महत्वपूर्ण है। साथ ही डिजिटल, नवीकरणीय ऊर्जा, सेमीकंडक्टर और अंतरिक्ष जैसे नए क्षेत्रों का पता लगाने का एक अवसर भी है।
Co-chaired along with FM @ZambryOfficial the 6th 🇮🇳-🇲🇾 Joint Commission Meeting in New Delhi.
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) November 7, 2023
Reviewed progress on our political, defence & security, trade and finance , health, energy, education, maritime cooperation, culture, tourism and people-to-people cooperation.
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उन्होंने कहा कि मलेशिया हमारे लिए बहुत ही महत्वपूर्ण रणनीतिक भागीदार हैं। हम आपके शीर्ष 10 व्यापारिक साझेदारों में से हैं और आप आसियान में हमारे तीसरे सबसे बड़े व्यापारिक साझेदार हैं। हमने आसियान के साथ अपने संबंधों के लिए हमेशा मलेशिया के समर्थन को महत्व दिया है।
मलेशियाई विदेश मंत्री के रूप में पहली बार भारत का दौरा कर रहे कादिर ने कहा कि दोनों पक्ष अभी भविष्य के लिए सहयोग के और अधिक क्षेत्रों का पता लगाएंगे। बैठक के बाद जयशंकर ने एक्स पर बताया कि दोनों पक्षों ने रक्षा, सुरक्षा, व्यापार, स्वास्थ्य, ऊर्जा, शिक्षा, पर्यटन और लोगों से लोगों के संबंधों में सहयोग में प्रगति की समीक्षा की।
भारत-प्रशांत, आसियान, पश्चिम एशिया और अन्य क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर दृष्टिकोण भी साझा किया। दोनों विदेश मंत्रियों ने प्रसार भारती और रेडियो टेलीविजन मलेशिया के बीच सहयोग का समझौता किया।
बता दें कि 2022 में भारत मलेशिया का 11वां सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार रहा था। इनका कुल व्यापार 19.63 अरब डॉलर था जो 2021 से 23.6 प्रतिशत ज्यादा है। भारत और मलेशिया के राजनयिक संबंधों को 2022 में 65 साल पूरे हो गए हैं।