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क्या भारत में भी छाएगी आर्थिक मंदी? मूडीज ने उम्मीद दिखाई और चेताया भी

मूडीज एनालिटिक्स के प्रमुख अर्थशास्त्री स्टीव क्रोकेन ने कहा कि चीन ही वैश्विक अर्थव्यवस्था में एकमात्र कमजोर कड़ी नहीं है। एशिया के दूसरे महारथी भारत को भी अक्टूबर में निर्यात में गिरावट का सामना करना पड़ा है। हालांकि गनीमत ये है कि भारत के विकास का इंजन निर्यात पर कम निर्भर है।

Photo by Clark Young / Unsplash

दुनिया भर में आर्थिक मंदी की गहराती आशंकाओं के बीच मूडीज एनालिटिक्स ने भारत समेत एशिया-प्रशांत (APAC) क्षेत्र में मंदी की संभावनाओं को खारिज किया है, हालांकि उच्च ब्याज दरों और धीमी वैश्विक व्यापार वृद्धि से बनने वाली विपरीत परिस्थितियों के लिए तैयार रहने की सलाह भी दी है। मूडीज ने कहा है कि भारत अपनी दीर्घकालिक क्षमता के अनुरूप अगले साल धीमी गति से विकास करेगा।

मूडीज ने अगस्त में साल 2022 की भारत की विकास दर 8 प्रतिशत और 2023 में 5 प्रतिशत तक धीमी होने का अनुमान लगाया था। Photo by rupixen.com / Unsplash

मूडीज ने हालांकि यह भी कहा है कि आंतरिक निवेश और प्रौद्योगिकी के साथ-साथ कृषि में उत्पादकता में लाभ विकास को गति दे सकते हैं। लेकिन उच्च मुद्रास्फीति बनी रहती है तो भारतीय रिजर्व बैंक अपनी रेपो दर को 6 प्रतिशत से ऊपर ले जाएगा जिससे सकल घरेलू उत्पाद पर असर पड़ेगा।

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