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वैश्विक अर्थजगत में भारत एक चमकता सितारा, IMF के बाद आर्थिक सर्वे से भी लगी मुहर

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि पीपीपी (क्रय शक्ति समानता) के मामले में भारत तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। विनिमय दर के मामले में पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। कोरोना महामारी की वजह से अर्थव्यवस्था को जो नुकसान हुआ था, उसकी लगभग भरपाई हो गई है।

दुनिया भर के देश जहां मंदी की आहट से हलकान हैं वहीं भारत विश्व के अर्थ जगत का एक चमकता सितारा बना हुआ है। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के बाद, अब भारत सरकार की तरफ से संसद में रखे गए आंकड़ों से ये बात जाहिर होती है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को लोकसभा में पेश आर्थिक सर्वेक्षण 2022-23 में कहा कि भारत की आर्थिक विकास दर वित्त वर्ष 2023-24 में थोड़ी कम होकर 6.5% रहेगी। हालांकि फिर भी भारत दुनिया की सबसे तेज अर्थव्यवस्था वाला देश होगा।

संसद में पेश आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया है कि कोरोना महामारी से लगे आर्थिक झटके, रूसी-यूक्रेन युद्ध और मुद्रास्फीति से उबरने के बाद भारतीय अर्थव्यवस्था सभी क्षेत्रों में व्यापक सुधार कर रही है। वित्त वर्ष 2023-24 में भारत की जीडीपी नॉमिनल टर्म में 11% की बेसलाइन वैल्यू से ग्रोथ करेगी। वहीं रियल टर्म्स में भारतीय अर्थव्यवस्था 6.5 पर्सेंट के हिसाब से ग्रोथ करेगी। हालांकि यह मौजूदा वित्त वर्ष के 7% और पिछले वित्त वर्ष के 8.7% से कम है।

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